जहां कचरे से बना प्राकृतिक खजाना - "ग्लास बीच"

Jitendra Kumar Sinha
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कैलिफोर्निया के फोर्ट ब्रैग में स्थित "ग्लास बीच" (Glass Beach) आज पूरी दुनिया के पर्यटकों के लिए एक आकर्षण का केंद्र बन चुका है। इसकी खासियत है इसकी रेत नहीं, बल्कि वह रंग-बिरंगे कांच के टुकड़े जो इस तट को एक चमचमाते खजाने जैसा बना देता हैं। समुद्र की लहरें और समय ने मिलकर इस स्थान को अनजाने में ही एक कलाकृति में बदल दिया है।

ग्लास बीच का इतिहास सुनकर शायद यकीन न हो, लेकिन कभी यह जगह एक कचरा डंपिंग जोन थी। 20वीं सदी की शुरुआत में फोर्ट ब्रैग के स्थानीय निवासियों ने इस इलाके को घरेलू और औद्योगिक कचरे को फेंकने के लिए चुना। पुराने वाहनों के अवशेष, टूटा हुआ फर्नीचर, प्लास्टिक, धातु और सबसे अधिक कांच,  सबकुछ समुद्र में फेंका जाता था।

समुद्र ने इंसान की इस गलती को चमत्कारी तरीके से सुधारा। वर्षों की लहरों की थपेड़ों और रेत की रगड़ ने इन कांच के टुकड़ों को घिसकर गोल और चिकना बना दिया। अब ये टुकड़े नुकीले नहीं रहते, बल्कि रत्न जैसे दिखते हैं – हरे, नीले, सफेद और कई अन्य रंगों में चमकते हुए। प्रकृति ने मानो हर टुकड़े को कला में तब्दील कर दिया हो।

आज यह तट "मैकरिचर स्टेट पार्क" का हिस्सा है और संरक्षित क्षेत्र के रूप में जाना जाता है। यहां से कांच उठाना कानूनन प्रतिबंधित है ताकि इसकी सुंदरता और प्राकृतिक संतुलन बना रहे। यह स्थान पर्यावरणीय संरक्षण का प्रतीक बन चुका है, जो बताता है कि अगर हम सुधार की कोशिश करें, तो प्रकृति हमें माफ कर सकती है और कुछ खूबसूरत लौटा भी सकती है।

ग्लास बीच सिर्फ एक खूबसूरत तट नहीं है, बल्कि एक शिक्षाप्रद स्थल भी है। यहां आने वाले सैलानी न सिर्फ इसकी सुंदरता का आनंद लेते हैं, बल्कि यह भी सीखते हैं कि कचरा प्रबंधन और पर्यावरण संरक्षण कितना महत्वपूर्ण है। आसपास के म्यूजियम और गाइडेड टूर इस क्षेत्र के इतिहास और इसके पुनर्जीवन की कहानी को प्रभावशाली तरीके से प्रस्तुत करता हैं।



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