मंगलवार, 3 जून 2025 को भोपाल में कांग्रेस के 'संगठन सृजन अभियान' की शुरुआत के दौरान राहुल गांधी ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए पार्टी के नेताओं की तुलना तीन प्रकार के घोड़ों से की: रेस के घोड़े, बारात के घोड़े और लंगड़े घोड़े। उन्होंने कहा कि पार्टी को इन घोड़ों की पहचान कर उन्हें अलग करना होगा, जिससे संगठन को मजबूत किया जा सके।
राहुल गांधी ने अपने संबोधन में कहा, "ये हमारी सेना है, ये लड़ने और मरने के लिए तैयार है। मगर बीच में दो-तीन लोग उल्टे-सीधे बयान देते रहते हैं। इनमें से कुछ ऐसे लोग हैं जो निराशा में बयान दे देते हैं, कुछ ऐसे लोग हैं जो थोड़ा भाजपा का भी काम कर लेते हैं।"
उनके इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए मध्य प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष और सांसद वीडी शर्मा ने तीखा तंज कसा। उन्होंने कहा, "गधों की महफिल में घोड़ों की चर्चा कहां से आ गई। राहुल गांधी को बताना चाहिए कि उन्होंने यह बात किसके लिए कही है।"
शर्मा ने आगे कहा, "एक तरफ उनके नेता दिग्विजय सिंह कहते थे कि मैं वोट मांगने जाता हूं तो जनता वोट देती नहीं है उल्टा वोट काट देती है। दूसरी तरफ उनके वर्तमान अध्यक्ष जीतू पटवारी जी कहते हैं कि संगठन जाए तेल लेने, वहीं कमलनाथ कुछ और कहते हैं। तो राहुल गांधीजी बताएं कि ये वक्तव्य जो आपने दिया है, वो किसके लिए दिया है। जरा वे यह भी बताएं कि कांग्रेस में कौन रेस का घोड़ा है और कौन बारात का घोड़ा है, यह बात मध्य प्रदेश की जनता जानना चाहती है।"
राहुल गांधी के इस बयान ने कांग्रेस के अंदर भी हलचल मचा दी है, जहां वरिष्ठ नेताओं के बीच असंतोष की खबरें सामने आ रही हैं। कांग्रेस के संगठनात्मक ढांचे में बदलाव की इस प्रक्रिया में यह देखना दिलचस्प होगा कि पार्टी कैसे इन 'घोड़ों' की पहचान कर उन्हें उचित स्थान देती है।
