राजा रघुवंशी हत्याकांड ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। यह मामला सिर्फ एक नवविवाहित जोड़े की ट्रैजेडी नहीं, बल्कि विश्वास, प्रेम, लालच और अपराध की मिली-जुली खौफनाक तस्वीर बन चुका है। इंदौर का रहने वाला राजा, जिसने हाल ही में सोनम से शादी की थी, अपने हनीमून पर मेघालय गया था। लेकिन वहां से लौटकर आने के बजाय वह एक लाश बनकर सामने आया।
शुरुआत में यह एक हादसा माना गया, लेकिन जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ी, मामला उलझता चला गया और सामने आई एक चौंकाने वाली साजिश। पुलिस की जांच में यह स्पष्ट हुआ कि राजा की हत्या सुनियोजित थी, और इसका मास्टरमाइंड और कोई नहीं बल्कि उसकी पत्नी सोनम ही थी। उसने अपने प्रेमी और पूर्व कर्मचारी राज कुशवाहा के साथ मिलकर राजा की हत्या की योजना बनाई। इस साजिश में सोनम ने कुछ और लोगों को भी शामिल किया, जिनमें से कुछ को भारी रकम और गहने देने की बात सामने आई है।
वाटरफॉल के पास मिले शव की पहचान राजा के हाथ पर बने टैटू से हुई। सीसीटीवी फुटेज, मोबाइल लोकेशन और कॉल डिटेल्स की मदद से यह साफ हो गया कि सोनम ने पति के साथ विश्वासघात किया और उसे एक सुनसान जगह पर ले जाकर मरवा दिया। इस पूरे मामले में सोनम समेत पांच आरोपी पुलिस की गिरफ्त में हैं, जबकि एक की तलाश जारी है।
इस सनसनीखेज हत्याकांड में एक भावनात्मक मोड़ तब आया, जब सोनम का भाई गोविंद खुद राजा के घर पहुंचा और उसके परिवार से माफी मांगी। गोविंद ने राजा की मां के पैरों में गिरकर कहा कि अगर उसकी बहन दोषी है, तो उसे फांसी दे दी जाए। उसने मीडिया से कहा कि सोनम ने अगर यह अपराध किया है तो वह खुद उसे कड़ी सजा दिलवाने के लिए हरसंभव कोशिश करेगा। गोविंद के इस कदम ने जहां राजा के परिवार को कुछ मानवीय सांत्वना दी, वहीं समाज में यह संदेश भी दिया कि न्याय के लिए खून के रिश्ते भी पीछे हट सकते हैं।
राजा के परिजनों ने पूरे मामले की सीबीआई जांच की मांग की है। उन्होंने मेघालय सरकार और पुलिस की जांच की सराहना तो की, लेकिन साथ ही कहा कि इस जघन्य अपराध में शामिल सभी लोगों को सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए। राजा के भाई ने यह भी स्पष्ट किया कि यह मामला सिर्फ उनके परिवार का नहीं है, बल्कि पूरे समाज के भरोसे का सवाल है। एक पत्नी द्वारा पति के साथ किया गया विश्वासघात अगर आज माफ कर दिया गया, तो कल कोई और इसी राह पर चल पड़ेगा।
यह केस न सिर्फ कानूनी लड़ाई का मामला है, बल्कि यह समाज में रिश्तों की परिभाषा को भी झकझोरने वाला है। यह सवाल खड़ा करता है कि क्या अब प्रेम, विवाह और विश्वास के पीछे भी किसी की जेब में पड़े पैसे और ज़ेवरों का मोल तय होने लगा है? सोनम की मंशा क्या थी – राज से पुराना रिश्ता, शादी के लिए दबाव, या महज लालच? इन सभी सवालों के जवाब अब कोर्ट और जांच एजेंसियों के हाथ में हैं।
इस बीच, आम लोगों की निगाहें इस केस पर टिकी हैं, और एक ही उम्मीद है – न्याय हो, और जल्द हो। क्योंकि जब न्याय देर से मिलता है, तब वह अधूरा लगता है। राजा अब लौटकर नहीं आएगा, लेकिन उसकी आत्मा को शांति तभी मिलेगी जब उसके हत्यारों को उनकी करनी का सही फल मिलेगा।
