आस्था पूनिया बनीं नौसेना की पहली महिला फाइटर पायलट

Jitendra Kumar Sinha
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भारत की बेटियां अब सिर्फ जमीन पर ही नहीं, बल्कि समुद्र और आकाश पर भी अपना परचम लहरा रही हैं। नौसेना की वर्दी पहनकर देश की रक्षा करने का सपना देखने वाली मेरठ की आस्था पूनिया अब उस मुकाम पर पहुंच चुकी हैं, जहां से केवल गगनचुंबी उड़ानें शुरू होती हैं। सब-लेफ्टिनेंट आस्था पूनिया भारतीय नौसेना की पहली महिला फाइटर पायलट बनने की ओर अग्रसर हैं। यह न सिर्फ उनके व्यक्तिगत करियर की ऊंचाई है, बल्कि भारतीय सशस्त्र बलों में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी का प्रतीक भी है।

उत्तर प्रदेश के मेरठ से ताल्लुक रखने वाली आस्था पूनिया बचपन से ही साहसिक कार्यों और देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत रही है। उनके माता-पिता ने उन्हें हर मोड़ पर प्रोत्साहित किया है, और उन्होंने भी अपने सपनों को साकार करने के लिए कठिन परिश्रम से कभी पीछे नहीं हटी। बचपन में जब बच्चे खिलौनों से खेलते हैं, आस्था पूनिया तब आकाश में उड़ते लड़ाकू विमानों को देखकर प्रेरित होती थी। यह सपना समय के साथ पक्का होता गया और उन्होंने भारतीय नौसेना में शामिल होकर उसे सच करने का फैसला किया।

भारतीय नौसेना में अब तक महिलाएं टोही विमान (Reconnaissance Aircraft) और हेलिकॉप्टर उड़ाने की ज़िम्मेदारी संभालती रही हैं। लेकिन लड़ाकू विमान यानि फाइटर जेट उड़ाने की जिम्मेदारी अब तक पुरुष अधिकारियों के पास ही थी। आस्था पूनिया इस परंपरा को तोड़ने वाली पहली महिला अधिकारी बनी हैं। यह नौसेना के लिए न केवल ऐतिहासिक क्षण है, बल्कि भारतीय सशस्त्र बलों में लैंगिक समानता की दिशा में भी मील का पत्थर है।

3 जुलाई 2025 को आस्था पूनिया को प्रतिष्ठित ‘विंग्स ऑफ गोल्ड’ से सम्मानित किया गया। यह सम्मान उन्हें इंडियन नेवल एयर स्टेशन पर हुए द्वितीय बेसिक हॉक कन्वर्जन कोर्स के समापन समारोह में दिया गया। इस अवसर पर उनके साथ लेफ्टिनेंट अतुल कुमार ढुल को भी समान सम्मान प्राप्त हुआ। यह सम्मान दर्शाता है कि आस्था पूनिया ने केवल शारीरिक और मानसिक परीक्षा को पास नहीं किया है, बल्कि वह उस उच्चतम पेशेवर स्तर तक पहुंची हैं, जो नौसेना की लड़ाकू टीम का हिस्सा बनने के लिए आवश्यक है।

भारतीय नौसेना में फाइटर पायलट बनने का सफर आसान नहीं है। इसके लिए अनेक स्तरों पर प्रशिक्षण दिया जाता है। आस्था पूनिया ने एयरफोर्स एकेडमी से फ्लाइंग की बेसिक ट्रेनिंग प्राप्त की। यह ट्रेनिंग फिक्स्ड विंग एयरक्राफ्ट की बुनियादी उड़ान क्षमताओं पर केंद्रित होती है। इसके तहत पायलट्स को Hawk Advanced Jet Trainer पर प्रशिक्षण दिया जाता है। यह एक महत्वपूर्ण चरण होता है क्योंकि यह लड़ाकू विमान उड़ाने की नींव तैयार करता है। आस्था को उनके प्रदर्शन के आधार पर फाइटर स्ट्रीम के लिए चयनित किया गया। यह ऐतिहासिक फैसला उन्हें नौसेना की पहली महिला फाइटर पायलट बना गया। अब वह एक वर्ष की स्पेशल फाइटर ट्रेनिंग प्राप्त करेगी, जिसके अंत में उन्हें किसी विशेष लड़ाकू विमान (जैसे मिग-29K) को उड़ाने की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।

भारतीय नौसेना के बेड़े में मिग-29के एक अत्याधुनिक फाइटर जेट है, जिसे रूस से प्राप्त किया गया है। यह विमान INS Vikramaditya और INS Vikrant जैसे एयरक्राफ्ट कैरियर से उड़ान भर सकता है। इसकी कुछ प्रमुख विशेषताएं हैं कॉम्बैट रेंज 722 किलोमीटर, हथियार क्षमता 4 बम, मिसाइलें और अन्य हथियार (450 किलोग्राम तक), रफ्तार 2,200 किमी/घंटा (2 मैक से अधिक), मल्टीरोल एयर-टू-एयर और एयर-टू-ग्राउंड हमले में सक्षम और रडार और सेंसर एडवांस्ड एवियोनिक्स सिस्टम। आस्था पूनिया जैसे पायलट को इस विमान का संचालन सौंपना, भारतीय नौसेना में महिलाओं की शक्ति और विश्वास का परिचायक है।

आस्था पूनिया का चयन केवल एक व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है, यह पूरे देश की महिलाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत है। भारतीय सेना, वायुसेना और नौसेना में महिलाओं की भूमिका लगातार बढ़ रही है, वायुसेना में फ्लाइंग ऑफिसर अवनी चतुर्वेदी, भावना कंठ और मोहना सिंह देश की पहली महिला फाइटर पायलट बनी। सेना में महिला अधिकारियों को अब स्थायी कमीशन और युद्धक भूमिकाओं में भी नियुक्त किया जा रहा है। नौसेना में अब तक महिलाएं लॉजिस्टिक्स, मेडिकल और ऑब्जर्वर भूमिकाओं में थी, अब फाइटर पायलट के तौर पर भी प्रवेश मिल चुका है।

भारतीय नौसेना ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर आस्था पूनिया की इस ऐतिहासिक उपलब्धि को साझा करते हुए लिखा है कि "नेवल एविएशन में नया अध्याय जुड़ गया है। सब-लेफ्टिनेंट आस्था पूनिया को ‘विंग्स ऑफ गोल्ड’ से सम्मानित किया गया। वह भारतीय नौसेना की पहली महिला फाइटर पायलट बनने की ओर अग्रसर हैं। यह लैंगिक समानता की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है।" यह पोस्ट ना केवल लाखों लोगों के बीच वायरल हुआ, बल्कि मीडिया, रक्षा विशेषज्ञों और महिला अधिकार कार्यकर्ताओं ने भी इसकी भूरी-भूरी प्रशंसा की।

आस्था पूनिया आज हजारों युवा लड़कियों के लिए आदर्श बन गई हैं। जिन बेटियों को कभी कहा जाता था कि यह क्षेत्र उनके लिए नहीं हैं, अब वह गर्व से कह सकती हैं कि अगर आस्था पूनिया नौसेना की फाइटर पायलट बन सकती हैं, तो वह भी कुछ भी कर सकती हैं।

आस्था पूनिया की कहानी सिर्फ एक सफलता की कहानी नहीं है, यह बदलाव की बयार है। यह उस नए भारत का प्रतीक है, जहां बेटी पढ़ेगी भी, बढ़ेगी भी और देश की रक्षा भी करेगी। आज जब वह ‘विंग्स ऑफ गोल्ड’ पहनकर अपने देश के आसमान में उड़ान भरने को तैयार हैं, तब हर भारतीय का सीना गर्व से चौड़ा हो गया है।



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