भारतीय तटरक्षक बल की समुद्री निगरानी और राष्ट्रीय सुरक्षा को और अधिक सुदृढ़ करने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। गोवा शिपयार्ड लिमिटेड द्वारा निर्मित अत्याधुनिक फास्ट पेट्रोल वेसल (FPV) 'अटल' का मंगलवार को गोवा में सफलतापूर्वक जलावतरण किया गया। यह पोत उन आठ स्वदेशी पोतों की श्रृंखला का छठा हिस्सा है जिसे भारतीय तटरक्षक बल के लिए डिजाइन और निर्मित किया जा रहा है।
पोत 'अटल' का नाम पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर रखा गया है, जो राष्ट्र की संप्रभुता और सुरक्षा के प्रतीक रहे हैं। यह पोत आधुनिक तकनीकों से लैस है, जिसकी गति, संचालन क्षमता और निगरानी तंत्र इसे समुद्री सीमाओं की रक्षा के लिए अत्यंत उपयुक्त बनाते हैं। इसकी डिजाइन पूरी तरह से स्वदेशी है, जो ‘मेक इन इंडिया’ अभियान को भी मजबूती देती है।
‘अटल’ एक उच्च गति वाला पोत है, जिसे तटीय गश्त, द्वीप सुरक्षा, मछली पकड़ने की गतिविधियों की निगरानी, अपतटीय परिसंपत्तियों की सुरक्षा और समुद्री अपराधों की रोकथाम के लिए विशेष रूप से तैयार किया गया है। इसमें नवीनतम नेविगेशन और संचार प्रणाली के साथ-साथ आधुनिक हथियार प्रणाली भी सुसज्जित हैं। यह पोत समुद्री आपदाओं में राहत और बचाव कार्यों के लिए भी महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।
भारत की लंबी समुद्री सीमा को सुरक्षित बनाए रखना एक अत्यंत चुनौतीपूर्ण कार्य है। 'अटल' जैसे आधुनिक पोत इस चुनौती का सामना करने में भारतीय तटरक्षक बल को अभूतपूर्व सहायता प्रदान करेगा। इसके जरिए समुद्री क्षेत्र में संदिग्ध गतिविधियों की निगरानी, तस्करी और अवैध घुसपैठ को रोकने में उल्लेखनीय बढ़त हासिल किया जा सकेगा।
गोवा शिपयार्ड लिमिटेड भारतीय रक्षा उत्पादन क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। ‘अटल’ का सफल जलावतरण इस बात का प्रमाण है कि भारत अब सैन्य और सुरक्षा उपकरणों के निर्माण में आत्मनिर्भरता की ओर तेजी से अग्रसर है।
तेज गश्ती पोत 'अटल' का जलावतरण न केवल तकनीकी दृष्टि से बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से भी एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। यह भारतीय समुद्री सीमाओं की रक्षा में एक नया अध्याय जोड़ता है, जो आने वाले वर्षों में समुद्री संप्रभुता को सुदृढ़ बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
