पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक अहम कदम उठाते हुए कर्नाटक सरकार ने राज्यभर में 11.50 करोड़ पौधे लगाने का संकल्प लिया है। यह घोषणा वन, पारिस्थितिकी एवं पर्यावरण मंत्री यादगीर जिला के जिला प्रशासनिक भवन में आयोजित वन महोत्सव कार्यक्रम के उद्घाटन अवसर पर बोल रहे थे।
मंत्री ने बताया कि हरित क्षेत्र को बढ़ाने और जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों से निपटने के लिए यह महत्त्वाकांक्षी योजना तैयार की गई है। इस वर्ष ही तीन करोड़ पौधे लगाए जाएंगे, जिनमें से चार लाख पौधे यादगीर जिला में रोपे जाएंगे। मंत्री ने यह भी कहा कि जंगलों की अंधाधुंध कटाई से न केवल मानव जीवन प्रभावित हुआ है, बल्कि इसका वन्यजीवों की जैव विविधता पर भी गंभीर असर पड़ा है।
कार्यक्रम में मंत्री ने विशेष रूप से स्कूली बच्चों को वृक्षारोपण और पर्यावरण संरक्षण के प्रति प्रेरित करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि आने वाली पीढ़ियों को पर्यावरण के प्रति संवेदनशील बनाना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। इसके लिए विद्यालयों में पौधारोपण अभियान चलाया जाएगा और छात्रों को "एक छात्र, एक वृक्ष" जैसे अभियानों से जोड़ा जाएगा।
मंत्री ने प्लास्टिक प्रदूषण पर भी चिंता जताई और कहा कि प्लास्टिक थैलों के इस्तेमाल पर सख्त प्रतिबंध लागू किया जाएगा। उन्होंने लोगों से कपड़े और जूट के थैले उपयोग करने की अपील की। उन्होंने बताया कि प्लास्टिक के कारण जल स्रोत, मिट्टी और पशु-पक्षी बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं। इस कारण अब समय आ गया है कि सतर्क हो जाएं।
उन्होंने यह भी आश्वस्त किया कि पौधे लगाने के साथ-साथ उनकी देखभाल और संरक्षण की पूरी जिम्मेदारी वन विभाग निभाएगा। इसके लिए स्थानीय ग्राम पंचायतों, स्वयंसेवी संगठनों और छात्रों की मदद ली जाएगी। उन्होंने कहा कि यह अभियान केवल पौधे लगाने तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि पौधों को विकसित कर वृक्ष बनाने की दिशा में भी ठोस प्रयास होंगे।
कर्नाटक सरकार का यह प्रयास न केवल राज्य को हराभरा बनाएगा, बल्कि पर्यावरण संकट की दिशा में एक सकारात्मक कदम भी सिद्ध होगा। यदि इस अभियान में आम जनता, खासकर युवा वर्ग बढ़-चढ़कर भाग लेता है, तो यह एक हरित क्रांति की ओर अग्रसर हो सकता है। वक्त की मांग है कि सब मिलकर प्रकृति को बचाएं, ताकि आने वाली पीढ़ियां भी शुद्ध हवा में सांस ले सके।
