बिहार में अब पाइपलाइन से हर रसोई तक पहुंचेगी पीएनजी गैस

Jitendra Kumar Sinha
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बिहार सरकार ने स्वच्छ और पर्यावरण अनुकूल ऊर्जा को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। अब राज्य के सभी 38 जिलों के शहरी क्षेत्रों में पाइपलाइन के माध्यम से पीएनजी (पाइप्ड नेचुरल गैस) की आपूर्ति की जाएगी। इसके लिए ‘बिहार शहरी गैस वितरण नीति, 2025’ को मंजूरी दे दी गई है, जिसकी अधिसूचना 15 जुलाई को राज्य के खाद्य एवं उपभोक्ता विभाग द्वारा जारी कर दी गई।

इस नीति के तहत बिहार सरकार द्वारा करीब 30 लाख घरेलू पीएनजी गैस कनेक्शन उपलब्ध कराए जाएंगे। इसके अतिरिक्त परिवहन क्षेत्र को मजबूती देने के लिए लगभग 650 सीएनजी स्टेशनों का निर्माण भी प्रस्तावित है। इससे ना केवल आम लोगों को रसोई गैस की सुलभ आपूर्ति मिलेगी, बल्कि परिवहन और उद्योग क्षेत्रों में भी स्वच्छ ऊर्जा का विस्तार होगा।

पीएनजी यानि पाइप से आने वाली प्राकृतिक गैस, एक साफ, सुरक्षित और किफायती ईंधन है। यह सिलेंडर की तुलना में अधिक सुविधाजनक और निरंतर आपूर्ति वाला माध्यम है। इससे न केवल उपभोक्ता को भरने या खत्म होने की चिंता नहीं रहती, बल्कि यह पर्यावरण के लिहाज से भी कम प्रदूषणकारी है।

शहरी गैस वितरण नेटवर्क (सीजीडी) का विस्तार सभी जिलों में किया जाएगा। छह गैस वितरण कंपनियों के माध्यम से यह योजना लागू होगी। घरेलू, वाणिज्यिक, औद्योगिक और परिवहन क्षेत्रों को प्राथमिकता दी जाएगी। सीएनजी स्टेशन खोलने से वाहनों के लिए स्वच्छ ईंधन की उपलब्धता बढ़ेगी। कार्बन उत्सर्जन में कमी लाकर हरित ऊर्जा को बढ़ावा मिलेगा।

भारत सरकार ने 2030 तक देश की ऊर्जा में प्राकृतिक गैस की हिस्सेदारी को 6.2% से बढ़ाकर 15% करने का लक्ष्य रखा है। बिहार की यह पहल इस लक्ष्य को हासिल करने में एक मजबूत योगदान साबित हो सकता है। इससे राज्य में ऊर्जा के क्षेत्र में आधारभूत संरचना का व्यापक विकास होगा।

इस नीति से राज्य में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। गैस पाइपलाइन नेटवर्क, सीएनजी स्टेशन और संबंधित उपकरणों की स्थापना से युवाओं को तकनीकी और औद्योगिक क्षेत्रों में रोजगार मिलेगा। साथ ही, प्रदूषण में कमी, स्वास्थ्य सुधार और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से निपटने में भी यह नीति सहायक होगी।

‘बिहार शहरी गैस वितरण नीति, 2025’ न केवल एक ऊर्जा सुधार योजना है, बल्कि यह राज्य के भविष्य की दिशा में एक स्थायी कदम भी है। अब रसोई गैस सिलेंडर की प्रतीक्षा, ब्लैक मार्केट और बढ़ती कीमतों से राहत मिलेगी। इस गैस क्रांति से बिहार देश के ऊर्जा आत्मनिर्भरता अभियान में एक मजबूत भागीदार बनकर उभरेगा।



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