स्वास्थ्य सेवा में नया बदलाव - एमसीपी कार्ड में अब ‘मां-बच्चे’ की पूरी जानकारी

Jitendra Kumar Sinha
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देशभर में मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य को बेहतर बनाने की दिशा में एक अहम कदम उठाया गया है। अब मदर चाइल्ड प्रोटेक्शन (एमसीपी) कार्ड में केवल बच्चे ही नहीं, बल्कि मां की संपूर्ण जानकारी भी दर्ज की जाएगी। इस नई पहल से न सिर्फ माताओं के इलाज में पारदर्शिता आएगी, बल्कि दोनों की स्वास्थ्य निगरानी भी आसान हो जाएगा।

अब तक एमसीपी कार्ड को प्रायः "आरआई कार्ड" यानि सिर्फ Routine Immunization कार्ड के रूप में देखा जाता था। इसकी सबसे बड़ी वजह थी,  इसमें केवल बच्चों के टीकाकरण संबंधी जानकारी को दर्ज करना, जबकि मां की स्वास्थ्य स्थिति, गर्भावस्था की जानकारी, प्रसव पूर्व देखभाल आदि को नजरअंदाज कर दिया जाता था।

स्वास्थ्यकर्मियों को भी इस कार्ड की उपयोगिता का समुचित प्रशिक्षण नहीं मिला था, जिसके कारण एमसीपी कार्ड का लगभग 95 प्रतिशत हिस्सा खाली रह जाता था। इससे कई बार गर्भवती महिलाओं के इलाज में दिक्कत आती थी, खासकर जब वह दूसरी बार किसी अन्य चिकित्सालय में जाती थी।

सरकार ने स्वास्थ्यकर्मियों के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया है ताकि वह एमसीपी कार्ड को संपूर्ण स्वास्थ्य दस्तावेज के रूप में भरना सीख सके। अब इस कार्ड में मां का नाम, उम्र, ब्लड ग्रुप, बीमारियों का इतिहास गर्भधारण की तारीख, प्रसव पूर्व जांच की स्थिति, आयरन, कैल्शियम, फोलिक एसिड की खुराक, डिलीवरी की जानकारी, अस्पताल का नाम, नवजात का वजन, टीकाकरण विवरण, शिशु पोषण, स्तनपान, कुपोषण की स्थिति आदि जानकारियां दर्ज की जाएंगी।

एमसीपी कार्ड को अपडेट करने से अब एक ही दस्तावेज से मां और बच्चे दोनों की संपूर्ण चिकित्सकीय जानकारी मिल सकेगा। इससे खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में आशा कार्यकर्ताओं, एएनएम और डॉक्टरों को इलाज में मदद मिलेगा और सरकारी योजनाओं की जमीनी निगरानी भी बेहतर होगा।

यह पहल सिर्फ दस्तावेजी सुधार नहीं है, बल्कि मातृत्व सुरक्षा, बाल सुरक्षा और पोषण मिशन को गति देने वाला कदम है। आने वाले समय में यह एमसीपी कार्ड डिजिटल रूप में भी लाया जा सकता है, जिससे इसकी पहुंच और उपयोगिता और बढ़ेगी।

एमसीपी कार्ड में मां और बच्चे दोनों का समावेश, मातृ-शिशु स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करेगा। यह न सिर्फ एक कागज का दस्तावेज है, बल्कि हर मां और हर बच्चे के स्वस्थ भविष्य की नींव है। आने वाले समय में यही कार्ड सशक्त नारी और सुरक्षित शिशु का प्रतीक बनेगा।



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