राजस्थान में महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए अजमेर जिला में जल्द ही राज्य का पहला राजकीय बालिका सैनिक विद्यालय स्थापित किया जाएगा। यह विद्यालय अजमेर शहर के निकट स्थित हाथीखेड़ा गांव में लगभग 15 एकड़ भूमि पर बनाया जाएगा, जिसमें छात्राओं को सैन्य सेवाओं के लिए पूरी तरह से प्रशिक्षित किया जाएगा।
देश की रक्षा सेवाओं में बेटियों की भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए यह पहल बेहद सराहनीय माना जा रहा है। लंबे समय तक सैन्य सेवाएं पुरुषों तक ही सीमित रही हैं, लेकिन अब स्थितियां बदल रही हैं। अब बेटियां भी सशस्त्र बलों की वर्दी पहनकर देश की रक्षा कर सकती हैं और इस सपने को साकार करने के लिए यह सैनिक स्कूल एक मजबूत नींव रखेगा।
हाथीखेड़ा गांव में इस बालिका सैनिक विद्यालय के लिए करीब 60 हजार वर्ग मीटर (15 एकड़) भूमि आरक्षित किया गया है। राज्य सरकार से स्वीकृति मिलने के बाद अजमेर विकास प्राधिकरण इसकी आवंटन प्रक्रिया आरंभ करेगा। इस विद्यालय में प्रशिक्षण रेंज, परेड मैदान, ड्रिल क्षेत्र, आवासीय परिसर, प्रशिक्षण भवन, कार्यालय और अन्य सुविधाएं भी विकसित किया जाएगा।
बालिका सैनिक स्कूल का मुख्य उद्देश्य छात्राओं को राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) और अन्य रक्षा सेवाओं की प्रवेश परीक्षाओं के लिए प्रशिक्षित करना होगा। यह विद्यालय छात्राओं को शारीरिक, मानसिक, शैक्षणिक और नैतिक प्रशिक्षण देगा ताकि वे आत्मविश्वासी, अनुशासित और राष्ट्रसेवा के लिए समर्पित बन सके।
राज्य सरकार की इस पहल से ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों की बेटियों को एक समान अवसर मिलेगा। विशेष रूप से ऐसे परिवारों की बेटियों को लाभ होगा जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं और अब तक सैन्य शिक्षा से वंचित रही हैं। यहां से निकली बालिकाएं न केवल भारतीय सेना में शामिल होगी, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी प्रेरणा बनेगी।
अजमेर में बालिका सैनिक स्कूल की स्थापना केवल एक शैक्षणिक संस्थान का निर्माण नहीं है, बल्कि यह बेटियों के आत्मसम्मान, आत्मनिर्भरता और देशभक्ति की भावना को सशक्त बनाने का एक सशक्त मंच है। यह कदम नारी शक्ति को न केवल शिक्षित करेगा, बल्कि उन्हें वर्दी पहनकर देश सेवा का अवसर भी देगा।
