बिहार सरकार के स्कूलों में अब केवल बिहार के मूल निवासी ही बन सकेंगे क्लर्क

Jitendra Kumar Sinha
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बिहार के शिक्षा विभाग ने बड़ा फैसला लेते हुए माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में क्लर्क (लिपिक) पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया को लेकर नई अधिसूचना जारी कर दी है। इसके तहत अब सिर्फ बिहार के मूल निवासी ही इन पदों के लिए पात्र माने जाएंगे। यह अधिसूचना राज्य के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ द्वारा जारी की गई है, जिससे राज्य में विद्यालय लिपिक संवर्ग के गठन का रास्ता साफ हो गया है।

नई अधिसूचना के अनुसार, अब विद्यालयों में क्लर्क पद की सीधी भर्ती के लिए वही अभ्यर्थी पात्र होंगे जो बिहार के मूल निवासी हैं। यानि अब किसी अन्य राज्य के उम्मीदवार इन पदों के लिए आवेदन नहीं कर सकेंगे। इससे राज्य में स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता देने का संदेश स्पष्ट हो गया है।

शिक्षा विभाग के अनुसार, 7593 रिक्त पदों पर नियुक्ति की जाएगी। इसमें से अधिकांश पद सीधी भर्ती के माध्यम से भरे जाएंगे, जबकि 15% पद विद्यालय परिचारी (चपरासी) की प्रोन्नति से भरे जाएंगे। साथ ही, अनुकंपा आधारित नियुक्तियों का भी प्रावधान रखा गया है, जिससे मृत कर्मियों के आश्रितों को नौकरी का अवसर मिलेगा।

नई संरचना के तहत विद्यालय लिपिकों को तीन श्रेणियों में बांटा गया है, जिसमें मूल कोटि के विद्यालय लिपिक, वरीय विद्यालय लिपिक और प्रधान विद्यालय लिपिक। इनमें वरीय और प्रधान लिपिक के पद प्रोन्नति के आधार पर भरा जाएगा, जबकि मूल कोटि की बहाली सीधी भर्ती और अनुकंपा नियुक्ति से होगी।

सीधी भर्ती से चयनित कर्मियों के लिए विभागीय परीक्षा उत्तीर्ण करना अनिवार्य होगा। इसके बिना उन्हें सेवा में स्थायी नहीं माना जाएगा। साथ ही यह पद स्थानांतरणीय होगा, यानि कर्मियों को राज्य के किसी भी जिला में स्थानांतरित किया जा सकता है।

जो उम्मीदवार अनुकंपा के आधार पर नियुक्त होंगे, उन्हें विद्यालय सहायक लिपिक के रूप में नियुक्त माना जाएगा। उनके लिए भी भविष्य में प्रोन्नति का मार्ग खुला रहेगा।

बिहार सरकार का यह निर्णय न केवल स्थानीय युवाओं को रोजगार के अधिक अवसर देगा, बल्कि शिक्षा व्यवस्था में प्रशासनिक दक्षता भी लाएगा। नई नियमावली से पारदर्शिता, जवाबदेही और योग्यता के आधार पर चयन सुनिश्चित होगा। साथ ही यह कदम राज्य सरकार की 'बिहारी युवाओं को प्राथमिकता' नीति को और मजबूत करता है।



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