तिरुमला मंदिर में दान हुआ 2.5 किलो का स्वर्ण शंख और चक्र

Jitendra Kumar Sinha
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श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर, जो श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र है, एक बार फिर सुर्खियों में है। इस बार वजह बनी है स्वर्ण से निर्मित दुर्लभ शंख और चक्र की भेंट, जो मंगलवार को एक चेन्नई स्थित प्रतिष्ठित उपक्रम की ओर से दान स्वरूप अर्पित किया गया है। इन दोनों पवित्र प्रतीकों का कुल वजन लगभग 2.5 किलोग्राम है और इनकी अनुमानित कीमत लगभग 2.4 करोड़ रुपये आंकी गई है।

हिन्दू परंपरा में शंख और चक्र भगवान विष्णु के प्रमुख आयुध माने जाते हैं। श्री वेंकटेश्वर, जिन्हें विष्णु का अवतार माना जाता है, के लिए यह अर्पण अत्यंत शुभ और धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण है। शंख, जिसे देवताओं की ध्वनि माना गया है, और चक्र, जो बुराई का संहारक है, दोनों ही श्री वेंकटेश्वर के दिव्य स्वरूप का हिस्सा हैं। अब यह दोनों प्रतीक स्वर्ण से निर्मित होकर भव्यता के चरम पर पहुंच चुका है।

चेन्नई स्थित एक प्रसिद्ध औद्योगिक उपक्रम ने यह भेंट की है, हालांकि उन्होंने गुमनाम रहना पसंद किया। उन्होंने इसे अपनी "आस्था की अभिव्यक्ति" बताया है और कहा है कि यह भेंट किसी व्यावसायिक प्रचार का साधन नहीं, बल्कि श्री वेंकटेश्वर स्वामी के प्रति उनकी व्यक्तिगत श्रद्धा का प्रतीक है।

तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (TTD) के अधिकारियों ने इस अभूतपूर्व भेंट पर गहरा आभार व्यक्त किया है। मंदिर प्रबंधन ने बताया है कि यह दान श्री वेंकटेश्वर के उत्सव मूर्ति (उत्सव विग्रह) पर विशेष अनुष्ठानों के दौरान स्थापित किए जाएंगे। इससे भक्तों को अलौकिक अनुभव प्राप्त होगा।

तिरुपति बालाजी मंदिर पहले से ही विश्व के सबसे समृद्ध मंदिरों में गिना जाता है। यहां आए दिन भक्त अपनी श्रद्धा से चढ़ावे में सोना, चांदी, हीरे और भारी नकद राशि अर्पित करते हैं। यह स्वर्ण शंख और चक्र उस परंपरा में एक और स्वर्णिम अध्याय जोड़ता है।



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