कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया बुधवार को नंदी हिल्स में कैबिनेट बैठक के बाद जब ASP नारायण बरमानी के इस्तीफे पर सवाल पूछा गया, तो उन्होंने तीखा रुख अपनाते हुए उस रिपोर्टर से कहा, “क्या तुम बीजेपी से हो?” उन्होंने सवाल वापस करते हुए कहा कि अगर बीजेपी चुप है तो अन्य क्यों सवाल उठा रहे हैं।
ये विवाद उस घटना की याद दिलाता है जो अप्रैल में बेलगावी में हुई थी, जहां सिद्धारमैया भीड़ के बीच ASP पर थप्पड़ मारने का इशारा करने वाले एक वीडियो में दिखे थे। उस घटना के बाद बरमानी ने 14 जून को गृह सचिव को वीआरएस (वॉलंटरी रिटायरमेंट सुपरएननुएशन) भेज दी, जिसमें उन्होंने लिखा कि सार्वजनिक रूप से अपमानित किया जाने के कारण वे इस कदम पर मजबूर हुए।
हालांकि गृह मंत्री जी. परमेश्वरा ने इसे गंभीरता से न लेते हुए कहा कि उनका इस्तीफ़ा स्वीकार नहीं किया जाएगा और उन्हें पुनः पोस्टिंग दी जाएगी। उन्होंने कहा कि यह केवल एक क्षणिक आवेश था और तनातनी या जानबूझकर कुछ नहीं हुआ ।
बरमानी ने इस्तीफे की वापसी को मना कर दिया है, यह कहते हुए कि मुख्यमंत्री द्वारा दी गई अपमानजनक चेतावनी ने उनकी गरिमा को बुरी तरह प्रभावित किया है और वह किसी भी तरह उसे भुला नहीं सकते। उन्होंने यह भी बताया कि इस घटना ने उनके और उनके परिवार को गंभीर भावनात्मक आघात पहुंचाया।
इस पूरे मसले ने कर्नाटक राजनीति में तेज बहस छेड़ी है—कांग्रेस इसे ‘आवेगी क्षण’ बता रही है, जबकि विपक्ष इसे मुख्यमंत्री की गरिमा को गिराने वाला कृत्य मान रहा है। विवाद फिलहाल बना हुआ है, ASP बरमानी का इस्तीफा न तो स्वीकार किया गया है और न ही उन्होंने इसे वापस लिया है।
