सेमीफाइनल नहीं, स्वाभिमान जीता: भारत चैंपियंस का पाक के खिलाफ खेलने से इनकार

Jitendra Kumar Sinha
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वर्ल्ड चैम्पियनशिप ऑफ लेजेंड्स 2025 में भारत चैंपियंस और पाकिस्तान चैंपियंस के बीच होने वाला सेमीफाइनल मुकाबला रद्द कर दिया गया। यह फैसला क्रिकेट बोर्ड या आयोजकों का नहीं, बल्कि खुद भारत चैंपियंस टीम का था। युवराज सिंह की अगुवाई वाली टीम ने पाकिस्तान के खिलाफ खेलने से इनकार कर दिया, क्योंकि अप्रैल 2025 में पहलगाम, जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकी हमले के बाद देश में पाकिस्तान के खिलाफ जनभावनाएँ बेहद तीव्र थीं।


टीम के एक सदस्य ने स्पष्ट शब्दों में कहा – "हमने देश को कभी निराश नहीं किया और न करेंगे। चाहे कुछ भी हो जाए, हम अपने उसूलों और मातृभूमि के साथ खड़े रहेंगे। भारत माता की जय।” यह भावनात्मक प्रतिक्रिया केवल एक खिलाड़ी की नहीं, बल्कि पूरी टीम की सामूहिक सोच को दर्शाती है। उनका मानना था कि खेल से बड़ा देश है, और जब देश को ठेस पहुंची है तो विरोध जरूरी है — चाहे वह क्रिकेट के मैदान में हो या मैदान के बाहर।


पहले भी लीग स्टेज में भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ खेलने से इनकार किया था, जिसके चलते उस मुकाबले को भी रद्द करना पड़ा था। इस निर्णय के बाद, EaseMyTrip जैसे प्रमुख स्पॉन्सरों ने भी टूर्नामेंट से अपना समर्थन वापस ले लिया। उन्होंने साफ कहा कि जब देश के जवान शहीद हो रहे हों, तब क्रिकेट जैसे खेल का आयोजन और उसमें पाकिस्तान की मौजूदगी स्वीकार्य नहीं है।


आयोजकों ने अंततः भारत की स्थिति को स्वीकार किया और पाकिस्तान चैंपियंस को वॉकओवर देकर फाइनल में पहुंचा दिया। हालांकि यह फैसला खेल प्रेमियों के लिए निराशाजनक था, लेकिन देशभक्ति की भावना के सामने क्रिकेट गौण पड़ गया। टिकट धारकों को आधे पैसे लौटाए गए, और पूरे आयोजन में एक अजीब सा खालीपन महसूस हुआ।


भारत चैंपियंस के इस निर्णय ने दिखा दिया कि भले ही क्रिकेट को "जेंटलमैन गेम" कहा जाता है, लेकिन जब बात राष्ट्रीय स्वाभिमान की हो, तो कोई भी जेंटलमैन पहले देशभक्त बन जाता है। यह सिर्फ एक मैच नहीं था, बल्कि यह एक रुख था — एक स्टैंड था — जिसने यह साबित किया कि खेल भावना तब तक ही मायने रखती है जब तक उसमें सम्मान और सुरक्षा की भावना शामिल हो।


भारत चैंपियंस ने शायद टूर्नामेंट नहीं जीता, लेकिन उन्होंने करोड़ों भारतीयों के दिल जरूर जीत लिए। क्योंकि उन्होंने दिखाया कि देश पहले आता है — ट्रॉफी बाद में

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