कंगना रनौत ने मंडी में बारिश और भूस्खलन से तबाह इलाकों का दौरा न करने को लेकर सफ़ाई दी है। उनका कहना है कि उन्होंने सराज व अन्य प्रभावित क्षेत्रों में पहुँचने की कोशिश की, लेकिन हिमाचल के पूर्व सीएम व विपक्षी नेता जयराम ठाकुर ने उन्हें यह सलाह दी कि तब तक रुको जब तक संपर्क व मार्ग बहाल न हो जाएं। उसी अनुसार, मंडी के डीसी ने रेड अलर्ट जारी किया है और वे अधिकारियों की मंजूरी का इंतजार कर रही हैं। जिसके बाद जल्द ही वे वहां जाएंगी।
कंगना का बयान
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उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा:
“हिमाचल में लगभग हर साल बाढ़ से होने वाली तबाही को देखना दिल दहलाने वाला है। मैंने मंडी के सराज और अन्य इलाकों में बाढ़ प्रभावित इलाकों में पहुंचने की कोशिश की, लेकिन … जयराम ठाकुर जी ने सलाह दी कि जब तक संपर्क और प्रभावित इलाकों तक पहुंच बहाल नहीं हो जाती, तब तक इंतजार करें। आज मंडी डीसी ने रेड अलर्ट भी जारी किया है…आधिकारियों की मंजूरी का इंतजार है, जल्द से जल्द वहां पहुंचूंगी।”
सियासी तल्ख़ी और आलोचना
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जयराम ठाकुर स्वयं मौके पर मौजूद हैं और राहत कार्यों की निगरानी कर रहे हैं। उन्होंने कंगना की अनुपस्थिति पर टिप्पणी करने से इनकार किया, कहा “हमें यहां उन लोगों के लिए जीना–मरना है, जिनकी फिक्र है।” कांग्रेस ने उनका यह बयान लेकर निशाना साधा कि “सांसद कंगना को मंडी के लोगों की चिंता नहीं है।”
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सोशल मीडिया पर स्थानीय लोग नाराज़ हैं — उन्हें लगता है कि सांसद को सिर्फ ट्वीट करने से काम नहीं चलेगा, जमीन पर रहकर ही संकट में मुस्तैदी दिखानी चाहिए। एक उपयोगकर्ता ने लिखा:
“ईमानदारी से, यह देरी निराशाजनक है… लोगों को आपकी जरूरत जमीन पर है, मंजूरी के पीछे नहीं।”
मंडी की मौजूदा स्थिति
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30 जून को बादल फटने के बाद भारी तबाही हुई है। अब तक 69 से 63 लोगों की मौत हो चुकी है, दर्जनों लापता हैं और रोड, पुल, मकान, बिजली–पानी की सुविधाएं टूट चुकी हैं।
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रेस्क्यू ऑपरेशन जारी हैं और कनेक्टिविटी बहाल करने की कोशिशें की जा रही हैं ।
कंगना रनौत की सफ़ाई को आधिकारिक अनुमति व सुरक्षा कारणों से आंका गया है, लेकिन स्थानीय लोगों और विपक्ष का कहना है कि सांसद को अपनी उपस्थिति ज़मीन पर पिछले तीन दिनों में दिखानी चाहिए थी। अब सवाल यह है — जब कनेक्टिविटी बहाल हो जाए, तो कंगना जनता की उम्मीदों पर खरी उतरेंगी या फिर समय निकल जाएगा?
