जन अधिकार पार्टी के प्रमुख पप्पू यादव ने एक बार फिर केंद्र सरकार को सीधे सवालों के घेरे में ले लिया है। इस बार उनका निशाना बना है रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और मोदी सरकार की विदेश नीति। पप्पू यादव ने पाकिस्तान और चीन के बीच बढ़ती सैन्य साझेदारी पर चिंता जताई है और पूछा है कि केंद्र सरकार इस मुद्दे पर चुप क्यों है।
पप्पू यादव ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि भारत की सीमाएं पहले से ही संवेदनशील हैं, और ऐसे में पाकिस्तान और चीन का एक साथ सैन्य अभ्यास करना या रक्षा सहयोग को बढ़ाना हमारे लिए खतरे की घंटी है। उन्होंने कहा कि अगर पाकिस्तान और चीन के बीच सैन्य सहयोग बढ़ रहा है, तो यह भारत की सुरक्षा नीति के लिए एक गंभीर चुनौती है। उन्होंने पूछा कि क्या यह मोदी सरकार की विदेश नीति की विफलता नहीं है?
पप्पू यादव ने यह भी कहा कि देशभक्ति के नाम पर विपक्ष को हमेशा घेरा जाता है, लेकिन जब देश की सुरक्षा से जुड़ा मुद्दा आता है, तो सरकार जवाब देने से बचती है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि क्या सिर्फ चुनावी भाषणों और टीवी पर चीखने-चिल्लाने से ही देश सुरक्षित हो जाएगा?
उन्होंने संसद में इस मुद्दे को उठाने की बात भी कही और कहा कि वे सरकार से जवाब मांगेंगे कि पाकिस्तान और चीन के सैन्य संबंधों पर भारत क्या रणनीति बना रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने चुप्पी नहीं तोड़ी और पारदर्शिता नहीं दिखाई, तो यह देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ माना जाएगा।
पप्पू यादव का यह बयान ऐसे समय आया है जब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान और चीन के बीच रक्षा सहयोग को लेकर कई रिपोर्टें सामने आ रही हैं। भारत पहले ही चीन के साथ लद्दाख सीमा पर तनाव झेल चुका है, और पाकिस्तान के साथ भी संबंध हमेशा तनावपूर्ण रहे हैं। ऐसे में दोनों देशों की निकटता भारत के लिए रणनीतिक रूप से चिंताजनक है।
पप्पू यादव ने अंत में कहा कि देश की जनता को जवाब चाहिए, और यह सिर्फ विपक्ष की नहीं, पूरे देश की आवाज है। सरकार को अब चुप्पी तोड़नी ही होगी।
