कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने एक बार फिर साफ कर दिया है कि वे पूरे पांच साल तक मुख्यमंत्री पद पर बने रहेंगे। हाल ही में पार्टी के भीतर चल रही खींचतान और डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार के समर्थकों द्वारा मुख्यमंत्री पद को लेकर उठ रही मांगों के बीच सिद्धारमैया का यह बयान बेहद अहम माना जा रहा है। उन्होंने कहा, "हां, मैं मुख्यमंत्री हूं। पांच साल तक रहूंगा।" पत्रकारों द्वारा जब यह पूछा गया कि क्या नेतृत्व परिवर्तन की संभावना है, तो उन्होंने सवाल किया, "आपको क्यों शक हो रहा है?" इसके बाद उन्होंने उन लोगों को भी आड़े हाथों लिया जो इस मुद्दे को हवा दे रहे हैं और कहा कि पार्टी का हाईकमान ही आखिरी फैसला करता है, न कि अफवाहें फैलाने वाले लोग।
इस पूरे घटनाक्रम के केंद्र में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डीके शिवकुमार हैं, जिनके कुछ समर्थक विधायकों ने कथित तौर पर दावा किया है कि उनके पास 100 विधायकों का समर्थन है और सिद्धारमैया को बीच कार्यकाल में हटाया जाना चाहिए। इन विधायकों में से एक इकबाल हुसैन ने सार्वजनिक तौर पर बयान भी दिया, जिसे लेकर पार्टी में हलचल मच गई। इसके बाद डीके शिवकुमार को खुद सामने आना पड़ा और उन्होंने स्पष्ट किया कि पार्टी में कोई मतभेद नहीं है। साथ ही उन्होंने उन विधायकों को कारण बताओ नोटिस भेजने की बात भी कही जिन्होंने अनुशासनहीनता दिखाई।
इस पूरे मामले को शांत करने के लिए कांग्रेस हाईकमान ने भी हस्तक्षेप किया है। पार्टी के प्रभारी रणदीप सुरजेवाला को स्थिति संभालने के लिए भेजा गया और दोनों नेताओं को निर्देश दिया गया कि वे सार्वजनिक रूप से एकजुटता दिखाएं और ऐसी बयानबाज़ी से बचें जिससे सरकार की छवि खराब हो। इसके बाद सिद्धारमैया और शिवकुमार दोनों ने मीडिया के सामने एकजुटता दिखाई और यह संदेश दिया कि कांग्रेस सरकार स्थिर है और कोई अंदरूनी संकट नहीं है।
इस पूरे विवाद के बीच सिद्धारमैया ने यह भी कहा कि सरकार पांच साल तक "चट्टान की तरह खड़ी रहेगी" और यह कि नेतृत्व परिवर्तन की बात केवल अफवाह है। उन्होंने दो टूक कहा कि पार्टी ने उन्हें पांच साल के लिए मुख्यमंत्री बनाया है और वे अपना कार्यकाल पूरा करेंगे। इस बयान के साथ उन्होंने यह संदेश भी दे दिया कि वे किसी भी दबाव में आने वाले नहीं हैं और नेतृत्व परिवर्तन की मांग करने वालों को सख्त संकेत दे दिया गया है कि पार्टी में अनुशासन का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
इस राजनीतिक उठापटक के बाद अब यह लगभग तय माना जा रहा है कि सिद्धारमैया फिलहाल मुख्यमंत्री पद से नहीं हटने वाले हैं और डीके शिवकुमार को भी अपने समर्थकों को नियंत्रण में रखना होगा। कांग्रेस हाईकमान की सख्ती और मुख्यमंत्री की दृढ़ता से यह साफ है कि पार्टी अब किसी भी अस्थिरता की स्थिति से बचना चाहती है।
