कांवड़ यात्रा मार्ग पर दुकानों में QR कोड लगाना अनिवार्य करने वाले उत्तर प्रदेश सरकार के आदेश को सुप्रीम कोर्ट ने वैध माना है। अदालत ने स्पष्ट कहा कि दुकानदारों को अपनी दुकान पर QR कोड और वैध लाइसेंस लगाना चाहिए, इसमें कोई गलती नहीं है। यह आदेश मुख्यतः प्रशासन को यात्रियों व दुकानदारों की पहचान और निगरानी में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से जारी किया गया था।
हालांकि इस फैसले का तत्काल प्रभाव बहुत कम होगा क्योंकि कांवड़ यात्रा का समापन महाशिवरात्रि के दिन, 23 जुलाई 2025 को हो रहा है। फिर भी, सुप्रीम कोर्ट का यह निर्णय आने वाले वर्षों के लिए एक मानक स्थापित करेगा। पिछले वर्ष ही जब इसी तरह दुकानों पर मालिकों और कर्मचारियों के नाम लिखना अनिवार्य करने का आदेश दिया गया था, तो उस आदेश को अदालत ने न्यायालयीन हस्तक्षेप से असंगत करार दिया था।
इस बार अदालत ने सिर्फ यह कहा कि QR कोड और लाइसेंस की जानकारी लगाना “कानूनी लाइसेंस आवश्यकताओं” के अंतर्गत आता है और इसमें कुछ भी गलत नहीं है। हालांकि वह दुकानदार और कर्मचारियों के नाम सार्वजनिक रूप से दिखाने वाले पिछले निर्देशों को लेकर चुप्पी साधकर केवल लाइसेंस संबंधी आदेश को बनाए रखने पर ही जोर दे रही है।
इस फैसले से यूपी सरकार को यात्रा प्रबंधन और सुरक्षा में ताक़तवर एक उपकरण मिल गया है, जो भविष्य में प्रशासन के लिए एक मिसाल के तौर पर कार्य करेगा।
