तेज प्रताप यादव ने एक बार फिर अपने पुराने तेवर में बयान दिया है। उन्होंने कहा कि लोगों ने समझ लिया कि एक और लालू प्रसाद यादव आ गया है, इसलिए मुझे राष्ट्रीय जनता दल (RJD) से बाहर कर दिया गया। तेज प्रताप ने यह बात पत्रकारों से बात करते हुए कही। उन्होंने कहा कि वह अपने पिता लालू प्रसाद यादव के पदचिह्नों पर चलना चाहते थे, गरीबों और मजलूमों की आवाज़ बनना चाहते थे, लेकिन कुछ लोगों को यह रास नहीं आया। उन्होंने मुझसे डरना शुरू कर दिया, उन्हें लगा कि एक और लालू पैदा हो गया है, इसलिए उन्होंने मुझे पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया।
तेज प्रताप ने आरोप लगाया कि पार्टी के भीतर कुछ लोग षड्यंत्र कर रहे थे और उन्होंने मेरी छवि को नुकसान पहुँचाने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि जो लोग आज मलाई खा रहे हैं, वो कभी पार्टी के लिए एक पोस्टर भी नहीं छपवाते थे, लेकिन आज वही लोग तय कर रहे हैं कि पार्टी में कौन रहेगा और कौन नहीं। तेज प्रताप ने यह भी कहा कि मैं पार्टी का पुराना सिपाही रहा हूं, जब RJD मुश्किल दौर से गुजर रही थी, तब भी मैं पार्टी के साथ खड़ा रहा। आज जब पार्टी मजबूत हुई है, तो मुझे दरकिनार किया जा रहा है।
उन्होंने इस पूरे मामले को सियासी षड्यंत्र बताया और कहा कि मेरे खिलाफ सुनियोजित तरीके से माहौल बनाया गया, ताकि मुझे पार्टी और परिवार से बाहर निकाला जा सके। उन्होंने कहा कि मेरे पिता और मां को मुझसे अलग करने की कोशिश की गई। तेज प्रताप ने यह भी कहा कि वह अभी भी अपने माता-पिता का सम्मान करते हैं और परिवार से कोई मतभेद नहीं है, लेकिन कुछ लोगों ने झूठ फैलाकर दूरियां पैदा कर दीं।
तेज प्रताप ने आगे कहा कि वह जनता की अदालत में जाएंगे और वही फैसला करेगी कि कौन सही है और कौन गलत। उन्होंने कहा कि अब वह जनता के बीच जाकर सच्चाई बताएंगे और वही उनकी असली ताकत होगी। उन्होंने यह भी संकेत दिए कि भविष्य में वह किसी नई पार्टी का गठन कर सकते हैं या निर्दलीय राजनीति का रास्ता अपना सकते हैं।
इस बयान से साफ है कि तेज प्रताप अब आरजेडी से दूरी बना चुके हैं और राजनीतिक रूप से स्वतंत्र राह पर चलने की तैयारी कर रहे हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले चुनावों में उनका अगला कदम क्या होगा और बिहार की राजनीति में इसका क्या असर पड़ेगा।
