पटना के वेंडिंग जोन में लगेगा - “थैला एटीएम”

Jitendra Kumar Sinha
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पटना नगर निगम ने शहर को प्लास्टिक मुक्त बनाने की दिशा में एक अनोखा और प्रेरणादायी कदम उठाया है। अब कदमकुआं वेंडिंग जोन में लगने जा रहा है "थैला एटीएम" एक ऐसी मशीन जो बैंक की एटीएम की तरह काम करेगा, लेकिन यहां से निकलेंगे सूती कपड़े के थैले। यह पहल न केवल पर्यावरण संरक्षण की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा, बल्कि लोगों की रोजमर्रा की आदतों में भी सकारात्मक बदलाव लाएगा।

“थैला एटीएम” में कोई भी व्यक्ति सिक्के या नोट डालकर कपड़े का थैला ले सकेगा। ये थैला सूती कपड़े के बने होंगे, जिन्हें बार-बार इस्तेमाल किया जा सकता है। मशीन में वॉइस ओवर निर्देश भी होंगे, ताकि पहली बार इस्तेमाल करने वाले लोग भी आसानी से इसका उपयोग कर सकें।

यह एटीएम जीएसएम तकनीक से जुड़ा होगा, जिससे पटना नगर निगम को रियल-टाइम में जानकारी मिलती रहेगी कि मशीन में कितने थैले बचे हैं। जैसे ही थैलों की संख्या कम होगी, सिस्टम अपने आप निगम को अलर्ट मैसेज भेज देगा और मशीन को तुरंत भर दिया जाएगा।

पटना नगर निगम के नगर आयुक्त, अनिमेष कुमार पराशर के अनुसार, यह पहल शहर को प्लास्टिक मुक्त बनाने की मुहिम का हिस्सा है। अगर कदमकुआं में यह प्रयोग सफल रहा, तो इसे शहर के अन्य हिस्सों में भी लागू किया जाएगा।

आज प्लास्टिक प्रदूषण एक वैश्विक समस्या बन चुका है। यह न केवल धरती को नुकसान पहुंचा रहा है, बल्कि नदियों और समुद्री जीवन पर भी गंभीर प्रभाव डाल रहा है। ऐसे में सूती या जूट के थैले अपनाना एक स्थायी और पर्यावरण अनुकूल विकल्प है।

नगर निगम इस पहल के साथ-साथ एक व्यापक जागरूकता अभियान भी चलाएगा। इसका उद्देश्य लोगों को यह समझाना है कि कपड़े के थैले केवल पर्यावरण के लिए ही नहीं, बल्कि उनकी सेहत और आने वाली पीढ़ियों के लिए भी बेहतर हैं।

यह पहल लोगों को अपनी आदतें बदलने और रोजमर्रा की खरीदारी में प्लास्टिक की जगह कपड़े के थैले अपनाने के लिए प्रेरित करेगा। साथ ही, मशीन की सहज और आधुनिक तकनीक लोगों को इसे अपनाने के लिए उत्साहित करेगा।

अगर यह प्रयोग सफल रहा, तो “थैला एटीएम” पटना के हर बड़े बाजार और वेंडिंग जोन में लगाया जा सकता है। इससे शहर के हर कोने में प्लास्टिक के थैलों का उपयोग घटेगा और एक हरित, स्वच्छ और टिकाऊ भविष्य की दिशा में बड़ा कदम उठेगा।

“थैला एटीएम” केवल एक मशीन नहीं है, बल्कि पटना में प्लास्टिक मुक्त क्रांति की शुरुआत है। यह पहल दिखाता है कि तकनीक और जागरूकता के संगम से बड़े बदलाव ला सकता है। अगर नागरिक इस कदम का समर्थन करता है, तो आने वाले वर्षों में पटना देश के सबसे स्वच्छ और पर्यावरण-अनुकूल शहरों में शुमार हो सकता है।



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