गोली से भी ज्यादा दर्दनाक होता है - “बुलेट चींटी”

Jitendra Kumar Sinha
0

 



दुनिया के जंगलों में कई अजीबोगरीब और खतरनाक जीव पाए जाते हैं, लेकिन उनमें से एक है “बुलेट चींटी”। यह चींटी अपने नाम की तरह ही डरावनी और खतरनाक मानी जाती है। इसका नाम “बुलेट” इसलिए पड़ा क्योंकि इसके डंक का दर्द गोली लगने जितना तेज और असहनीय होता है। मध्य और दक्षिण अमरीका के वर्षावनों में पाई जाने वाली यह चींटी आकार, शक्ति और व्यवहार के मामले में सबसे खास कीटों में गिनी जाती है।

सामान्य चींटियों से अलग बुलेट चींटी का आकार काफी बड़ा होता है। इसकी लंबाई 18 से 30 मिलीमीटर तक होती है, यानि यह साधारण चींटियों से कई गुना बड़ी होती है। इसका रंग गहरा भूरा या काला होता है और शरीर पर छोटे-छोटे बाल मौजूद होते हैं। इसके मजबूत जबड़े इसे भोजन तोड़ने और दुश्मनों से लड़ने में मदद करता है।

“बुलेट चींटी” की सबसे खतरनाक विशेषता इसका डंक है। यह डंक इतना शक्तिशाली होता है कि इसमें मौजूद पोनरोटॉक्सिन नामक रसायन सीधे तंत्रिका तंत्र पर असर डालता है। डंक लगने के बाद व्यक्ति को तेज दर्द, जलन और मांसपेशियों में ऐंठन महसूस होती है। यह दर्द लगभग 24 घंटे तक बना रह सकता है, इसलिए इसे “24 घंटे का दर्द” भी कहा जाता है।

“बुलेट चींटी” एक सामाजिक कीट है। यह अपने घोंसलों में सैकड़ों की संख्या में रहती है और सामूहिक रूप से शिकार तथा भोजन इकट्ठा करने का काम करती है। इनका आहार मुख्य रूप से छोटे कीड़े-मकोड़े, छोटे जंतु और पौधों का रस होता है। अपने समूह की सुरक्षा के लिए ये चींटियां जान की बाजी लगाने से भी पीछे नहीं हटतीं।

दक्षिण अमरीका के कुछ आदिवासी समुदायों में बुलेट चींटी का विशेष महत्व है। ब्राजील की सतरे-मावे जनजाति में किशोर लड़कों को योद्धा बनाने की प्रक्रिया के दौरान इन चींटियों का इस्तेमाल किया जाता है। लड़कों को हाथों में बुलेट चींटियों से भरे दस्ताने पहनाए जाते हैं, जिससे वे घंटों तक असहनीय दर्द सहते हैं। यह उनके साहस और धैर्य की परीक्षा होती है।

भले ही “बुलेट चींटी” इंसानों के लिए खतरनाक हो, लेकिन प्रकृति में इनका अपना महत्व है। ये जंगल के पारिस्थितिकी तंत्र में संतुलन बनाए रखने में मदद करती हैं। कीटों और छोटे जीवों की संख्या नियंत्रित करने के साथ-साथ यह पौधों के परागण में भी सहायक होती हैं।

“बुलेट चींटी” एक ऐसा जीव है जो अपनी असाधारण विशेषताओं और खतरनाक डंक के कारण पूरी दुनिया में मशहूर है। यह चींटी सिखाती है कि प्रकृति कितनी रहस्यमयी और विविधतापूर्ण है। इसके डंक का दर्द भले ही डर पैदा करता हो, लेकिन पारिस्थितिकी तंत्र में इसका योगदान अनमोल है।



एक टिप्पणी भेजें

0टिप्पणियाँ

एक टिप्पणी भेजें (0)

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Learn More
Ok, Go it!
To Top