पटना-बिहार संग्रहालय में लगेगी अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी

Jitendra Kumar Sinha
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बिहार की धरती केवल इतिहास और परंपरा के लिए ही नहीं जानी जाती, बल्कि यह कला और संस्कृति का जीवंत केंद्र भी है। इसी विरासत को और करीब से जानने-समझने का अवसर जल्द ही लोगों को मिलने वाला है। अगले माह से बिहार संग्रहालय, पटना संग्रहालय और बापू टावर में अंतरराष्ट्रीय और भारतीय कला से जुड़ी तीन अलग-अलग प्रदर्शनियां लगाई जाएंगी। यह आयोजन न केवल कला प्रेमियों के लिए विशेष होगा , बल्कि आम लोगों को भी नई दृष्टि और अनुभव देगा।

बिहार संग्रहालय की चिल्ड्रेन गैलरी में 17 सितंबर से “अर्जेंटिना की सैर” नामक प्रदर्शनी का शुभारंभ होगा। यह फोटोग्राफी प्रदर्शनी प्रसिद्ध फोटोग्राफर ‘पाब्लो कैटलिरेव्स्की’ की कृतियों पर आधारित है। इसमें अर्जेंटिना के खूबसूरत परिदृश्य, जीवनशैली और संस्कृति को तस्वीरों के जरिए बेहद जीवंत रूप में प्रस्तुत किया जाएगा। यह प्रदर्शनी आगंतुकों को अर्जेंटिना की आत्मा, उसकी विविधताओं और कहानियों से रूबरू कराएगी। बच्चों और युवाओं के लिए यह एक प्रेरणादायी यात्रा साबित होगी, क्योंकि वे कैमरे की नजर से एक पूरे देश की झलक देख पाएंगे।

इसी दिन पटना संग्रहालय की अस्थायी दीर्घा में “पटना कलम” प्रदर्शनी का उद्घाटन होगा। यह प्रदर्शनी बिहार की पारंपरिक चित्रकला पटना कलम शैली को समर्पित है। पटना कलम चित्रकला की जड़ें भारतीय लघु चित्रकला और पश्चिमी शैली के अनूठे संगम में हैं। अंग्रेजी शासनकाल में विकसित हुई इस कला में सामान्य जीवन, त्योहार, बाजार और समाज की झलक मिलती है। यह प्रदर्शनी न केवल बिहार की सांस्कृतिक धरोहर को सामने लाएगी बल्कि युवा पीढ़ी को अपनी जड़ों को समझने और उन पर गर्व करने का अवसर देगी।

तीसरी प्रदर्शनी का आयोजन बापू टावर में होगा। हालांकि इसका विषय विस्तृत रूप से सामने नहीं आया है, लेकिन यह तय है कि यह भी दर्शकों को कला और संस्कृति की नई दुनिया से परिचित कराएगी।

इन तीनों प्रदर्शनियों की खासियत यह है कि यह पूरी तरह से आम जनता के लिए खुली रहेगी। 17 सितंबर से लेकर एक महीने तक लोग अपनी सुविधा के अनुसार संग्रहालयों में जाकर इन्हें देख सकेंगे। यह आयोजन बिहार और पटना को अंतरराष्ट्रीय कला मानचित्र पर और भी प्रमुख स्थान दिलाने का प्रयास है।

बिहार की इस सांस्कृतिक पहल से न केवल राज्य की पहचान मजबूत होगी, बल्कि कला प्रेमियों को विश्व और भारतीय संस्कृति के संगम को देखने का अवसर मिलेगा। “अर्जेंटिना की सैर” विदेशी संस्कृति की खिड़की खोलेगी, “पटना कलम” अपनी विरासत का गर्व जगाएगी और “बापू टावर” की प्रदर्शनी नए दृष्टिकोण से प्रेरित करेगा। 



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