बिहार के कई जिला “फिल्म हब” बन कर उभर रहा है

Jitendra Kumar Sinha
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बिहार की पहचान ऐतिहासिक धरोहरों, शिक्षा और संस्कृति तक सीमित रही है, लेकिन अब यह राज्य भारतीय सिनेमा के नक्शे पर भी एक नया मुकाम हासिल कर रहा है। नालंदा, गया, पटना, दरभंगा, जहानाबाद, वैशाली और वाल्मीकिनगर जैसे जिला हाल के वर्षों में फिल्म शूटिंग के बड़ा केंद्र बनकर उभरा है। यहां की प्राकृतिक खूबसूरती, ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और सरकार की पहल फिल्मकारों को अपनी ओर आकर्षित कर रही है।

मुंबई और हैदराबाद जैसे पारंपरिक फिल्म हब की भीड़ और खर्चों से अलग, बिहार के विभिन्न जिला अब कम लागत और असली लोकेशन की वजह से फिल्मों की शूटिंग के लिए पसंदीदा जगह बन रहा है। नालंदा का प्राचीन विश्वविद्यालय, गया जी का बोधगया, वैशाली की ऐतिहासिक विरासत और वाल्मीकिनगर का हरा-भरा नेशनल पार्क, यह सभी स्थान फिल्म की कहानी को गहराई और असलीपन देने में मददगार साबित हो रहा है।

बिहार में पहली बार स्थायी फिल्म सेट और निजी स्टूडियो स्थापित किया गया है। यह पहल न केवल स्थानीय फिल्मकारों को प्रोत्साहित कर रहा है, बल्कि बाहरी प्रोडक्शन हाउस भी यहां शूटिंग करने के लिए उत्साहित हो रहा है। इससे तकनीकी सुविधाओं और रोजगार के नए अवसरों का द्वार खुल रहा है।

राज्य सरकार की ओर से फिल्म निर्माण को बढ़ावा देने के लिए विशेष योजनाएं शुरू की गई हैं। आने वाले समय में डॉक्यूमेंट्री और शॉर्ट फिल्म फेस्टिवल आयोजित किया जाएगा, जिससे न केवल उभरते फिल्मकारों को मंच मिलेगा बल्कि बिहार की छवि भी वैश्विक स्तर पर मजबूत होगा। इन फेस्टिवल्स के जरिए बिहार की सामाजिक कहानियां, लोककला और संस्कृति को बड़े परदे पर पहचान मिलेगा।

फिल्म हब के रूप में जिलों के उभरने से स्थानीय कलाकारों और तकनीशियनों को काम करने का अवसर मिल रहा है। पहले जहां युवा कलाकारों को मुंबई या कोलकाता जाना पड़ता था, अब वही अवसर उनके अपने राज्य में उपलब्ध हो रहा है। 

फिल्मों की शूटिंग से पर्यटन को भी बढ़ावा मिल रहा है। शूटिंग के दौरान यहां आने वाले कलाकार और टीम स्थानीय होटलों, परिवहन और अन्य सेवाओं का उपयोग करते है, जिससे अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलती है। साथ ही, स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए रास्ते भी खुल रहा है।

बिहार का यह नया फिल्मी सफर राज्य को सांस्कृतिक और आर्थिक दृष्टि से समृद्ध बनाने वाला साबित हो सकता है। नालंदा से वाल्मीकिनगर तक फैली यह सिनेमाई दुनिया बिहार को आने वाले वर्षों में एक प्रमुख फिल्म हब बना सकता है।

बिहार की यह पहल न केवल क्षेत्रीय सिनेमा को नया जीवन दे रहा है, बल्कि बॉलीवुड और अंतरराष्ट्रीय फिल्म जगत के लिए भी नए अवसर प्रस्तुत कर रहा है। 



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