राजधानी पटना की सूरत-संवारने और शहर को आधुनिक सौंदर्य का नया आयाम देने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है। पथ निर्माण विभाग ने शहर के प्रमुख चौराहों पर फव्वारे लगाने की योजना को मंजूरी प्रदान की है। विभाग की ओर से 22 जगहों के लिए एनओसी (अनापत्ति प्रमाण पत्र) जारी किया गया है, जिनमें से 20 स्थानों पर टेंडर की प्रक्रिया भी पूरी हो चुकी है। शेष दो स्थानों पर जगह की कमी के कारण यह योजना साकार नहीं हो पाएगी।
पटना एक ऐतिहासिक शहर है और तेजी से विकसित हो रहा है। राजधानी के चौराहे न केवल यातायात का मुख्य केंद्र होता है, बल्कि शहर की सुंदरता को भी परिभाषित करता है। अब इन चौराहों पर लगाए जाने वाले आकर्षक फव्वारे न सिर्फ शहरवासियों को सौंदर्य का अहसास करायेगा, बल्कि बाहर से आने वाले पर्यटकों के लिए भी यह एक खास आकर्षण बनेगा।
पथ निर्माण विभाग द्वारा जारी एनओसी में कुल 22 स्थान शामिल था। जगह की कमी और तकनीकी बाधाओं की वजह से दो जगहों पर फव्वारा लगाना संभव नहीं हो सका। इसके बावजूद 20 चौराहों पर यह योजना क्रियान्वित होगी। इसके लिए टेंडर भी जारी कर दिया गया है और जल्द ही काम शुरू होगा।
शहर के निवासियों को उम्मीद है कि इन फव्वारों से पटना का स्वरूप और भी आकर्षक हो जाएगा। वर्तमान समय में महानगरों की पहचान वहां के सौंदर्यीकरण और सुविधाओं से होती है। पटना को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करने की दिशा में यह कदम अहम साबित होगा।
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि फव्वारों की स्थापना से न केवल चौराहों की सुंदरता बढ़ेगी, बल्कि गर्मी के दिनों में राहगीरों को ठंडक और ताजगी का अनुभव भी होगा। साथ ही, यह पर्यावरण को भी कुछ हद तक सकारात्मक रूप से प्रभावित करेगा।
प्रशासन का दावा है कि फव्वारों को आधुनिक तकनीक से तैयार किया जाएगा ताकि जल की बर्बादी न हो। रीसायक्लिंग सिस्टम के माध्यम से एक ही पानी का बार-बार उपयोग किया जाएगा। साथ ही, रात में रंग-बिरंगी लाइटों के साथ फव्वारे शहर की सुंदरता को और बढ़ायेगा।
