दुनिया में पक्षियों और मुर्गों की अनेक प्रजातियाँ पाई जाती हैं, लेकिन जापान का “ओनागाडोरी (Onagadori)” अपने आप में अनोखा और दुर्लभ है। इसे जापान की शान भी कहा जाता है, क्योंकि इसकी सबसे बड़ी खासियत है, इसकी असाधारण लंबी पूंछ। यह प्रजाति न सिर्फ दिखने में आकर्षक है बल्कि अपने स्वभाव और जीवनशैली के कारण भी विशेष मानी जाती है।
“ओनागाडोरी” मूल रूप से जापान के शिकोको द्वीप पर पाई जाने वाली प्राचीन प्रजाति है। "ओनागाडोरी" का अर्थ है – "लंबी पूंछ वाला पक्षी"। इसके नर मुर्गों की पूंछ सामान्य मुर्गों की तरह कुछ इंच की नहीं होती, बल्कि यह कई फीट तक बढ़ सकती है। आश्चर्य की बात यह है कि इनकी पूंछ 6 फीट से लेकर 27 फीट तक लंबी हो सकती है।
दुनिया में किसी भी पक्षी की पूंछ इतनी लंबी नहीं होती। “ओनागाडोरी” की पूंछ सालाना 2 से 3 फीट तक बढ़ती है और खास बात यह है कि यह बहुत कम झड़ती है। यही कारण है कि समय के साथ इसकी लंबाई अद्भुत रूप से बढ़ती जाती है। पूंछ के पंखों का रंग मिश्रित होता है काला, लाल, सफेद और सुनहरा, जो इसे और भी आकर्षक बना देता है।
इस प्रजाति का स्वभाव बेहद शांत और दोस्ताना होता है। नर मुर्गे अपने शानदार पंखों के कारण ध्यान खींचते हैं, जबकि मादाएँ अपने अंडों की संख्या से उपयोगी साबित होती हैं। एक मादा “ओनागाडोरी” साल में 50 से 100 अंडे देती है।
“ओनागाडोरी” को पालना आसान नहीं है। इसकी देखभाल के लिए विशेष वातावरण की जरूरत होती है। इन्हें ऊँचे और खुले स्थान चाहिए, ताकि पूंछ को फैलने की जगह मिले। साफ-सुथरा और सूखा माहौल जरूरी है, ताकि लंबे पंख गंदे या खराब न हों। संतुलित आहार और नियमित देखरेख इसके स्वास्थ्य और पंखों की सुंदरता बनाए रखने के लिए आवश्यक है।
जापान में “ओनागाडोरी” को केवल एक पक्षी ही नहीं, बल्कि गौरव और परंपरा का प्रतीक माना जाता है। इसे "राष्ट्रीय खजाना" (National Treasure) का दर्जा प्राप्त है। अक्सर त्योहारों और समारोहों में इसे विशेष सम्मान दिया जाता है।
“ओनागाडोरी” न केवल जापान की संस्कृति और प्राकृतिक धरोहर का हिस्सा है, बल्कि यह दुनिया के उन कुछ जीवों में से है जिनकी सुंदरता और अनोखापन मन मोह लेता है। इसकी लंबी पूंछ और शांत स्वभाव इसे अद्वितीय बनाता है। यह कहना गलत नहीं होगा कि “ओनागाडोरी” सिर्फ एक प्रजाति नहीं, बल्कि प्रकृति का जीवित चमत्कार है।
