ब्रिटेन की ऐतिहासिक और भव्य संरचनाओं में एक अनोखा नाम है “ओउस वैली वायाडक्ट (Ouse Valley Viaduct)”। वेस्ट ससेक्स की सुरम्य घाटियों में स्थित यह विक्टोरियन पुल न केवल एक इंजीनियरिंग चमत्कार है, बल्कि एक दृष्टि भ्रम (ऑप्टिकल इल्यूजन) का अद्भुत उदाहरण भी है। लाल ईंटों से बनी इसकी विशाल आर्च संरचना हर पर्यटक को मंत्रमुग्ध कर देती है।
“ओउस वैली वायाडक्ट” का निर्माण कार्य वर्ष 1839 में आरंभ हुआ था और 1842 में पूर्ण हुआ। यह लंदन-ब्राइटन रेलवे लाइन का एक अहम हिस्सा है और ब्रिटेन की प्रारंभिक रेलवे संरचनाओं में से एक माना जाता है। 450 मीटर लंबा इस संरचना को बनाने में लगभग 11 मिलियन ईंट इस्तेमाल किया गया था, जो बेल्जियम से मंगाया गया था। इसकी ऊंचाई लगभग 29 मीटर है और इसमें कुल 37 मेहराब (आर्चेस) हैं।
इस पुल की सबसे खास बात है, इसका ऑप्टिकल इल्यूजन, जो इसे नीचे से देखने पर उत्पन्न होता है। जब कोई व्यक्ति पुल के ठीक नीचे खड़ा होकर इन आर्चेस को देखता है, तो वह एक के पीछे एक इस तरह संरेखित होता है कि एक अंतहीन सुरंग का छवि बन जाता है। यह प्रभाव इतना गहरा होता है कि लोग कुछ पल के लिए भ्रमित हो जाता है कि क्या वह वास्तुकला देख रहा है या कोई कल्पनालोक।
“ओउस वैली वायाडक्ट” को डिजाइन किया था डेविड मॉकटन और आर.बी. ग्रान्जर ने। इसकी संरचना में न केवल मजबूती, बल्कि कलात्मक सौंदर्य का भी समावेश है। आर्चेस के बीच-बीच में पत्थर की सजावटी घेराबंदी, खंभों पर सुंदर नक्काशी और सममितीय डिजाइन इसे एक स्थापत्य कृति बना देता है।
वायाडक्ट अब भी सक्रिय रेलवे पुल है और प्रतिदिन दर्जनों ट्रेनें इससे गुजरती हैं। लेकिन इंजीनियरिंग छात्रों, फोटोग्राफरों, ट्रेवल ब्लॉगरों और पर्यटकों के लिए यह एक प्रिय स्थल बन चुका है। यहां के खुले मैदानों में खड़े होकर इस संरचना को देखना एक अद्वितीय अनुभव है, एक ऐसा दृश्य जो इतिहास, विज्ञान और कला को एक साथ समेटे हुए है।
