एम्स पटना के रेजिडेंट डॉक्टरों ने शिवहर से राजद विधायक चेतन आनंद और उनकी पत्नी डॉ. आयुषी सिंह के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। आरोप है कि चेतन आनंद अस्पताल में अपने एक समर्थक के इलाज के दौरान अस्पताल के नियमों का उल्लंघन करते हुए जबरदस्ती वार्ड में घुस गए और वहां ड्यूटी पर तैनात डॉक्टरों, सुरक्षा गार्डों और स्टाफ के साथ दुर्व्यवहार किया। डॉक्टरों का दावा है कि विधायक और उनके लोगों ने न सिर्फ अस्पताल के सुरक्षा नियमों की अनदेखी की, बल्कि बदसलूकी और धमकी भी दी। विरोध में रेजिडेंट डॉक्टरों ने अस्पताल की ओपीडी और इमरजेंसी सेवाएं बंद कर दीं, जिससे मरीजों को भारी परेशानी हुई।
डॉक्टरों की मांग है कि चेतन आनंद और उनके साथियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। एम्स प्रशासन से भी डॉक्टरों ने अपील की है कि अस्पताल में डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। विरोध कर रहे डॉक्टरों का कहना है कि अगर दोषियों पर कार्रवाई नहीं हुई तो वे हड़ताल को और आगे बढ़ा सकते हैं। स्थिति को देखते हुए अस्पताल परिसर में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है।
उधर, चेतन आनंद ने भी अपनी ओर से सफाई दी है। उन्होंने कहा कि वह अपनी पत्नी के साथ एक गंभीर मरीज को दिखाने अस्पताल पहुंचे थे, लेकिन अस्पताल प्रशासन ने उनके साथ गलत व्यवहार किया। उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें और उनकी पत्नी को गार्डों ने धक्का दिया और अस्पताल में जानबूझकर उन्हें अपमानित किया गया। चेतन आनंद ने भी स्थानीय थाने में एम्स प्रशासन के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है।
इस पूरे मामले को लेकर दोनों पक्षों की ओर से पुलिस में शिकायत दर्ज की गई है। पुलिस ने पुष्टि की है कि मामले की जांच की जा रही है और दोनों पक्षों की शिकायतों के आधार पर उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी। अस्पताल प्रशासन फिलहाल इस पर कोई औपचारिक टिप्पणी करने से बच रहा है, लेकिन आंतरिक स्तर पर घटना की जांच शुरू कर दी गई है।
यह मामला सिर्फ डॉक्टरों की सुरक्षा या अस्पताल के अनुशासन तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें राजनीतिक दबाव, चिकित्सा संस्थानों की स्वायत्तता और मरीजों के अधिकार जैसे कई गंभीर मुद्दे भी जुड़े हैं। स्थिति संवेदनशील बनी हुई है और अब सभी की निगाहें पुलिस की कार्रवाई और प्रशासनिक फैसलों पर टिकी हैं।
