चुनाव आयोग ने भारत के अगले उपराष्ट्रपति पद के चुनाव की अधिसूचना जारी कर दी है। मौजूदा उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद यह पद खाली हुआ है और अब 9 सितंबर को देश को नया उपराष्ट्रपति मिलेगा। अधिसूचना के अनुसार, नामांकन प्रक्रिया 7 अगस्त से शुरू होगी और 21 अगस्त तक नामांकन दाखिल किए जा सकेंगे। 22 अगस्त को नामांकन पत्रों की जांच की जाएगी और 25 अगस्त तक उम्मीदवार नाम वापस ले सकेंगे। मतदान 9 सितंबर को सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक होगा और उसी दिन मतगणना कर परिणाम घोषित कर दिया जाएगा।
भारत के उपराष्ट्रपति का चुनाव गुप्त मत के माध्यम से किया जाता है और इसमें संसद के दोनों सदनों — लोकसभा और राज्यसभा — के निर्वाचित और मनोनीत सदस्य भाग लेते हैं। इस बार लगभग 782 सांसदों के मतदान करने की संभावना है, जिनमें से किसी भी उम्मीदवार को जीतने के लिए लगभग 391 से 394 वोटों की आवश्यकता होगी। मतदान प्रक्रिया में सिंगल ट्रांसफरेबल वोट प्रणाली का उपयोग किया जाता है, जिसमें सांसद अपनी प्राथमिकता के अनुसार अंक देते हैं। यदि कोई उम्मीदवार आवश्यक कोटा प्राप्त नहीं करता है, तो सबसे कम वोट वाले उम्मीदवार की वोट प्राथमिकता अगले उम्मीदवारों को ट्रांसफर कर दी जाती है, जब तक कि कोई एक उम्मीदवार कोटा प्राप्त न कर ले।
चुनाव आयोग ने इस चुनाव के लिए रिटर्निंग ऑफिसर और सहायक रिटर्निंग ऑफिसर की नियुक्ति भी कर दी है। आयोग ने यह सुनिश्चित किया है कि पूरी प्रक्रिया संविधान और नियमों के अनुरूप पारदर्शी तरीके से संपन्न हो। राजनीतिक समीकरणों की बात करें तो एनडीए गठबंधन को फिलहाल बढ़त में माना जा रहा है क्योंकि उनके पास दोनों सदनों में पर्याप्त समर्थन है। विपक्ष भी अपनी रणनीति बनाने में जुटा हुआ है और एक साझा उम्मीदवार की घोषणा की संभावना है।
इस चुनाव प्रक्रिया के दौरान निर्वाचन आयोग विशेष रूप से इस बात का ध्यान रखेगा कि किसी प्रकार की गड़बड़ी न हो और सभी सांसद निर्भीक होकर मतदान करें। चुनाव आयोग ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि उम्मीदवारों की योग्यता और नामांकन पत्रों की जांच में किसी प्रकार की ढिलाई नहीं बरती जाएगी। यह चुनाव संवैधानिक रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि उपराष्ट्रपति देश के दूसरे सर्वोच्च पद पर होता है और राज्यसभा का सभापति भी होता है।
