डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ धमकियों के बावजूद भारत ने रूस से तेल की खरीद जारी रखी है। इससे साफ होता है कि भारत अपनी ऊर्जा नीति और रणनीतिक स्वायत्तता को बरकरार रखता है, चाहे दुनिया कितनी भी राजनीति क्यों न करे। साथ ही, एप्पल ने बड़ी चाल चली है—उसने घोषणा की है कि वह iPhone 17 के सभी मॉडल अभी भारत में ही बनाएगी। इस फैसले में टाटा कंपनी अहम साझेदार बनी है, जो भारत की निर्माण क्षमताओं और वैश्विक निवेश विश्वास को दर्शाता है।
ट्रंप ने पहले अमेरिका की कंपनियों से कहा था कि वे सिर्फ अमेरिका में उत्पादन करें, लेकिन एप्पल ने अपनी रणनीति बदलकर भारत को प्राथमिकता दी है। भारत इस तरह से वैश्विक विनिर्माण श्रृंखला में एक मजबूत केंद्र बनता दिख रहा है।
साफ-साफ कहें तो: ट्रंप चाहे जितना दबाव डाले, भारत अपनी ऊर्जा और आर्थिक आत्मनिर्भरता बनाए रखने पर अड़ा है। और वहीं एप्पल जैसी टेक दिग्गज कंपनियाँ भारत में अपना बाजार और निर्माण ढाँचा मजबूत कर रही हैं—बिना किसी ज़्यादा तमाशे के, काम के दम पर।
