फिनलैंड में हुए नाटो के बहुराष्ट्रीय युद्धाभ्यास Atlantic Trident 2025 के दौरान फ्रांस के राफेल लड़ाकू विमान ने अमेरिकी एफ-35ए लाइटनिंग II को डॉगफाइट में मात दी। अभ्यास के दौरान राफेल ने एफ-35 पर राडार लॉक किया और “टेक द शॉट” का संकेत सुनाई दिया, जो दर्शाता है कि सिम्युलेटेड मुकाबले में राफेल ने एफ-35 को हरा दिया। इस घटना का वीडियो फ्रांसीसी वायु और अंतरिक्ष बल ने जारी किया, जिसने पूरी दुनिया का ध्यान खींच लिया।
वीडियो में साफ देखा गया कि राफेल ने टेक-ऑफ के बाद कुछ ही देर में एफ-35 पर लॉक कर लिया। कुछ समय बाद एक फिनिश एफ/ए-18 हॉर्नेट भी राफेल की लॉक रेंज में आया और उसे भी दो बार लक्षित किया गया। यह साफ दिखाता है कि निकट मुकाबले यानी डॉगफाइट में राफेल की फुर्ती और उसकी चालाकी भारी पड़ सकती है।
सैन्य विशेषज्ञों के मुताबिक यह घटना चौंकाने वाली जरूर है, लेकिन पूरी तस्वीर नहीं दिखाती। एफ-35 की असली ताकत निकट युद्ध में नहीं बल्कि लंबी दूरी से लड़ाई (Beyond Visual Range) में है। इसकी स्टेल्थ तकनीक, उन्नत राडार और नेटवर्क-केंद्रित युद्ध प्रणाली इसे दुश्मनों को बहुत दूर से ही निशाना बनाने की क्षमता देती है। वहीं, राफेल की पहचान उसकी बहुमुखी क्षमता, उच्च गतिशीलता और निकट मुकाबले में तेज़ प्रतिक्रिया के लिए है।
इस अभ्यास ने यह साबित किया कि आधुनिक युद्ध में दोनों तरह की क्षमताओं की अहमियत है। लंबी दूरी पर एफ-35 का पलड़ा भारी रहता है, जबकि नजदीकी संघर्ष में राफेल जैसा विमान अब भी बेहद घातक साबित हो सकता है। यही कारण है कि विशेषज्ञ मानते हैं कि भविष्य की लड़ाइयों में स्टेल्थ और डॉगफाइट दोनों ही अवधारणाएं साथ-साथ चलेंगी।
