तेजस्वी यादव पर दो वोटर आईडी रखने का गंभीर आरोप लगा है, जिससे बिहार की राजनीति में हलचल मच गई है। आरोप के अनुसार, उनके पास दो अलग-अलग EPIC नंबर वाले मतदाता पहचान पत्र हैं। इस मामले में पटना के दीघा थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है और चुनाव आयोग ने भी इस पर संज्ञान लेते हुए तेजस्वी यादव को नोटिस जारी किया है।
दरअसल, हाल ही में तेजस्वी यादव ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया था कि उनका नाम मतदाता सूची से हटा दिया गया है और उन्होंने एक EPIC नंबर (RAB2916120) सार्वजनिक रूप से दिखाया। लेकिन चुनाव आयोग की जांच में सामने आया कि तेजस्वी का वास्तविक EPIC नंबर RAB0456228 है, जो 2020 के विधानसभा चुनाव के समय नामांकन के दौरान दर्ज किया गया था। आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि जो EPIC नंबर तेजस्वी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिखाया, वह आधिकारिक तौर पर जारी ही नहीं किया गया था।
चुनाव आयोग ने तेजस्वी से उस कथित दूसरे वोटर कार्ड की मूल प्रति और अन्य दस्तावेजों को पेश करने के लिए कहा है ताकि मामले की पूरी जांच की जा सके। साथ ही तेजस्वी का नाम दीघा विधानसभा के एक बूथ की मतदाता सूची में दर्ज पाया गया है, जिससे दोहरी पहचान की संभावना और गहरी हो गई है।
इस पूरे घटनाक्रम के बाद एनडीए ने तेजस्वी पर जोरदार हमला बोला है। बीजेपी और जेडीयू नेताओं ने दो वोटर कार्ड रखने को गंभीर अपराध बताया और तेजस्वी के खिलाफ तुरंत सख्त कार्रवाई की मांग की। कुछ नेताओं ने यह भी आरोप लगाया कि यह सीधे तौर पर चुनावी गड़बड़ी और मतदाता कानून का उल्लंघन है।
दूसरी ओर, राजद ने इसे एक राजनीतिक साजिश करार दिया है। पार्टी नेताओं ने कहा कि असली मुद्दा 65 लाख मतदाताओं के नामों का ड्राफ्ट सूची से गायब होना है, जिसे तेजस्वी ने उजागर किया था, लेकिन अब उन पर ही फर्जी EPIC नंबर के जरिए हमला किया जा रहा है। उन्होंने इसे एक सुनियोजित राजनीतिक प्रतिशोध बताया है।
तेजस्वी यादव खुद अभी तक इस मामले में सार्वजनिक सफाई नहीं दे पाए हैं, लेकिन चुनाव आयोग का नोटिस और एफआईआर की पुष्टि से मामला अब कानूनी और राजनीतिक दोनों रूप में बड़ा बनता जा रहा है। आने वाले बिहार विधानसभा चुनाव के पहले यह विवाद एक निर्णायक मोड़ भी बन सकता है, जो सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है।
