बिहार की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है। राहुल गांधी की "वोटर अधिकार यात्रा" जब सासाराम से शुरू हुई तो तेजस्वी यादव की मौजूदगी ने माहौल को और तगड़ा बना दिया। इस दौरान तेजस्वी ने मंच से बीजेपी पर तीखा वार करते हुए कहा कि बिहार में अब सिर्फ वोट चोरी नहीं हो रही, बल्कि लोकतंत्र के नाम पर "वोटर डकैती" की जा रही है।
उन्होंने आरोप लगाया कि वोटर लिस्ट के विशेष पुनरीक्षण में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की गई है और असली मतदाताओं को हटाने की साजिश चल रही है। तेजस्वी ने साफ कहा कि उनकी पार्टी लोकतंत्र की रक्षा के लिए अंतिम सांस तक संघर्ष करेगी।
राहुल गांधी ने भी इस यात्रा में तेजस्वी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर कदम बढ़ाए और कहा कि निष्पक्ष चुनाव की जड़ वोटर लिस्ट की पारदर्शिता से जुड़ी है। उनका कहना था कि अगर मतदाता ही वोट देने के अधिकार से वंचित कर दिए जाएंगे तो लोकतंत्र का भविष्य खतरे में पड़ जाएगा।
इधर सत्ता पक्ष ने इस यात्रा को "राजनीतिक नाटक" बताते हुए कहा कि राहुल और तेजस्वी को "माफी यात्रा" निकालनी चाहिए। उनका दावा है कि यह सब जनता को गुमराह करने के लिए किया जा रहा है।
इसी बीच, आरजेडी परिवार के अंदर भी हलचल दिखी। तेज प्रताप यादव ने यात्रा को पूरी तरह बेकार बताते हुए कहा कि इससे कोई फायदा नहीं होगा और लोगों को इससे दूर रहना चाहिए। उन्होंने यह भी इशारा दिया कि वह खुद महुआ सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं।
