बिहार विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, राजनीतिक दलों की रणनीतियां भी तेज होती जा रही हैं। इसी कड़ी में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ को अपने चुनावी प्रचार का बड़ा हथियार बनाने का फैसला किया है। इस अभियान के जरिए भाजपा न केवल राष्ट्रवाद और देशभक्ति की भावना को जागृत करने की कोशिश करेगी, बल्कि स्वदेशी और आत्मनिर्भरता के संदेश को सीधे जनता के बीच पहुंचाएगी।
भाजपा लंबे समय से राष्ट्रवाद और स्वदेशी को विचारधारा के मूल तत्व के रूप में प्रस्तुत करता रहा है। आत्मनिर्भर भारत अभियान इसी सोच का आधुनिक रूप है। इसका मकसद है कि लोग विदेशी वस्तुओं के बजाय भारतीय उत्पादों का उपयोग करें और आर्थिक रूप से मजबूत भारत के निर्माण में योगदान दें। पार्टी को विश्वास है कि यह संदेश ग्रामीण क्षेत्रों से लेकर शहरी मध्यम वर्ग तक गहरा प्रभाव डालेगा।
भाजपा की रणनीति में इस अभियान को खासकर महिलाओं और ग्रामीण वोटरों से जोड़ने की योजना है। गांवों में छोटे-छोटे स्वदेशी उद्योगों, हस्तशिल्प और महिला समूहों द्वारा निर्मित उत्पादों को आत्मनिर्भर भारत की कहानी से जोड़ा जाएगा। पार्टी मानती है कि महिलाएं घरेलू उपभोग का अहम निर्णय करती हैं और यदि वे स्वदेशी को प्राथमिकता देगी तो इसका असर पूरे परिवार पर पड़ेगा।
भाजपा 25 सितंबर से इस अभियान का बड़ा शुभारंभ करने जा रही है। जिलों और मंडलों में सम्मेलन, रथ यात्राएं और सांस्कृतिक आयोजन होंगे। इन आयोजनों के माध्यम से पार्टी जनता से सीधा संवाद स्थापित करेगी। भाजपा का मानना है कि सांस्कृतिक कार्यक्रमों के जरिए संदेश आसानी से लोगों के दिलों तक पहुंचाया जा सकता है।
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह ने प्रदेश प्रभारी, प्रदेश अध्यक्ष और प्रदेश महामंत्री (संगठन) को इस अभियान को सफल बनाने के लिए विशेष निर्देश दिया है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि यह केवल चुनावी हथियार नहीं है बल्कि देश को आत्मनिर्भर बनाने का दीर्घकालिक संकल्प भी है। हालांकि चुनावी माहौल में इस संदेश का सीधा फायदा पार्टी को मिलने की उम्मीद है।
विश्लेषकों का मानना है कि आत्मनिर्भर भारत अभियान भाजपा को एक मजबूत चुनावी नैरेटिव देगा। विपक्ष जहां बेरोजगारी, महंगाई और पलायन जैसे मुद्दों पर हमला करेगा, वहीं भाजपा आत्मनिर्भर भारत के जरिए उम्मीद, आत्मविश्वास और स्वदेशी गौरव का वातावरण तैयार करना चाहती है। यह रणनीति खासकर युवाओं और पहली बार वोट डालने वाले वर्ग को प्रभावित कर सकता है।
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा का आत्मनिर्भर भारत अभियान महज एक नारा नहीं है, बल्कि एक चुनावी मास्टरस्ट्रोक है। इसमें राष्ट्रवाद, स्वदेशी और आत्मनिर्भरता का ऐसा मिश्रण है जो भावनात्मक और व्यावहारिक दोनों स्तरों पर वोटरों को आकर्षित कर सकता है। आने वाले दिनों में यह अभियान कितना असरदार साबित होगा, यह तो चुनाव परिणाम ही बतायेगा, लेकिन भाजपा ने स्पष्ट कर दिया है कि वह विकास और आत्मनिर्भरता की धारा को चुनावी राजनीति से जोड़कर जनता का समर्थन हासिल करने की पूरी तैयारी में है।
