नेपाल, जो भारत के पर्यटकों के लिए हमेशा से आकर्षण का केंद्र रहा है, इन दिनों हिंसा और अस्थिरता के कारण भारी संकट से गुजर रहा है। दशहरा और दीवाली जैसे त्योहारों के दौरान जहां हर साल पर्यटकों की भीड़ उमड़ती थी, इस बार हालात पूरी तरह बदल गई है। हिंसा के कारण पर्यटकों ने अपनी बुकिंग्स रद्द करनी शुरू कर दी है और इससे नेपाल का पर्यटन उद्योग गहरे संकट में है।
पटना की ट्रैवल एजेंसियों ने साफ कहा है कि नेपाल के लिए बड़ी संख्या में टूर पैकेज रद्द हो रहे हैं। यूर्स ट्रैवल एंड पार्टिज प्लानर के निदेशक सुमन कुमार सुप्रीत ने जानकारी दी है कि उनकी 25 से अधिक बुकिंग्स में से 15 पहले ही रद्द हो चुकी हैं। बाकी ग्राहक हालात सामान्य होने का इंतजार कर रहे हैं। वहीं, इजीगेट हॉलीडे के विकास भट्ट का कहना है कि सीमाएं सील होने के कारण कई पर्यटक नेपाल में फंसे हुए हैं और उनमें से अधिकांश अपनी यात्रा बीच में ही छोड़कर लौट रहे हैं।
दशहरा, दीवाली और क्रिसमस के दौरान नेपाल के होटल, ट्रैवल एजेंट और दुकानदार बड़ी कमाई की उम्मीद करते थे। लेकिन इस बार अनुमान है कि लगभग 60-70 फीसदी टूर पैकेज रद्द हो चुके हैं। पर्यटन विशेषज्ञों का कहना है कि इस गिरावट से उद्योग को करोड़ों का नुकसान होगा। वहीं, पर्यटकों की संख्या में 40% की गिरावट का अनुमान लगाया जा रहा है, जो इस पीक सीजन के लिए बहुत बड़ा झटका है।
पर्यटन उद्योग सिर्फ टूर पैकेज तक सीमित नहीं है। इसके साथ होटल मालिक, टैक्सी चालक, गाइड, स्थानीय दुकानदार और रेस्टोरेंट भी जुड़े हैं। बुकिंग्स रद्द होने से होटल के कमरे खाली पड़े हैं और गाइडों को काम नहीं मिल रहा। स्थानीय दुकानदार, जो पर्यटकों से रोज़ाना अच्छी कमाई कर लेते थे, अब नुकसान झेल रहे हैं।
नेपाल की अर्थव्यवस्था का एक बड़ा हिस्सा पर्यटन पर निर्भर है। यहां के प्राकृतिक सौंदर्य, धार्मिक स्थल और साहसिक खेल दुनियाभर के पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। लेकिन मौजूदा हिंसा और राजनीतिक अस्थिरता ने देश की साख को धक्का पहुंचाया है। यदि हालात जल्द सामान्य नहीं हुए, तो नेपाल की अर्थव्यवस्था पर दीर्घकालिक असर पड़ सकता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि नेपाल सरकार को जल्द से जल्द शांति और स्थिरता स्थापित करनी होगी, ताकि पर्यटकों का भरोसा वापस जीता जा सके। इसके साथ ही भारतीय ट्रैवल एजेंट और पर्यटक भी सुरक्षा और सुविधा की गारंटी चाहते हैं। जब तक हालात सामान्य नहीं होते, तब तक नुकसान का सिलसिला जारी रहेगा।
नेपाल में भड़की हिंसा ने पर्यटन उद्योग की रफ्तार पर ब्रेक लगा दिया है। पटना सहित पूरे भारत से रद्द हो रही बुकिंग्स ने साफ कर दिया है कि पर्यटक अब सुरक्षा को प्राथमिकता दे रहे हैं। लाखों का नुकसान उठाने वाले होटल मालिक, गाइड और ट्रैवल एजेंट उम्मीद कर रहे हैं कि हालात जल्द सुधरें और नेपाल फिर से सैलानियों की पहली पसंद बने।
