प्रकृति के रहस्यों में कुछ जीव ऐसे होते हैं, जिनकी उपस्थिति ही एक अलग आकर्षण पैदा करती है। “रैवेन (Raven)” भी उन्हीं में से एक है। यह दिखने में भले ही कौए जैसा लगे, परंतु इसकी विशेषताएं और व्यवहार इसे अलग और खास बनाते हैं। “रैवेन” को प्राचीन काल से ही बुद्धिमत्ता, रहस्य और भविष्यवाणी का प्रतीक माना जाता रहा है।
“रैवेन” मुख्य रूप से उत्तरी गोलार्ध में पाए जाते हैं। यह उत्तरी अमेरिका, यूरोप और एशिया के जंगलों, पहाड़ों और तटीय क्षेत्रों में बसेरा करते हैं। यह दिखने में कौए की तरह काले रंग का होता है, लेकिन आकार में बड़ा और अधिक प्रभावशाली लगता है। इसकी चोंच मोटी और मजबूत होती है, और पंख चमकदार काले होते हैं।
“रैवेन” की आवाज गहरी और कर्कश होती है, जो दूर तक सुनाई देती है। यह सिर्फ अपनी आवाज ही नहीं निकालते, बल्कि मानव आवाज, अन्य पक्षियों की कॉल और यहां तक कि यांत्रिक ध्वनियों की भी नकल कर सकते हैं। यह क्षमता इन्हें अन्य पक्षियों से अलग और अधिक बुद्धिमान बनाती है। कई शोध बताते हैं कि “रैवेन” के पास 30 से अधिक प्रकार के कॉल होते हैं, जिनसे वे चेतावनी, खतरे, भोजन और साथी को बुलाने जैसे संदेश देते हैं।
“रैवेन” सर्वाहारी पक्षी होते हैं। ये मृत जानवरों का मांस, फल, बीज, अनाज, कीड़े और कभी-कभी छोटे स्तनधारियों का भी सेवन करते हैं। भोजन के मामले में ये बेहद चतुर होते हैं। कई बार इन्हें अपने भोजन को छिपाते हुए भी देखा गया है ताकि बाद में उसे खाया जा सके।
“रैवेन” आमतौर पर अकेले या जोड़े में रहते हैं। लेकिन युवा रैवेन झुंड में रहना पसंद करते हैं और खेल-खेल में उड़ान भरते रहते हैं। घोंसले के लिए यह ऊंची चट्टानों या बड़े पेड़ों को चुनते हैं ताकि अपने अंडों और बच्चों को सुरक्षित रख सकें। इनके घोंसले बड़े और मजबूत होते हैं।
“रैवेन” को कई संस्कृतियों और मिथकों में रहस्यमयी प्राणी माना गया है। नॉर्स मिथकों में रैवेन को ज्ञान और सूचना का वाहक माना गया है, जबकि कई अन्य संस्कृतियों में इसे भविष्यवक्ता और शुभ-अशुभ का संकेत समझा गया है। वैज्ञानिक भी मानते हैं कि “रैवेन” सबसे बुद्धिमान पक्षियों में से एक हैं। ये समस्या हल करने, औजार इस्तेमाल करने और याददाश्त का कमाल दिखाने में माहिर हैं।
