एक गेंद से बना हीरो - “रिंकू सिंह”

Jitendra Kumar Sinha
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कभी-कभी खेल में ऐसा पल आता है जो इतिहास बन जाता है। एशिया कप 2025 के फाइनल में भारतीय बल्लेबाज रिंकू सिंह ने ऐसा ही करिश्मा कर दिखाया है। पूरे टूर्नामेंट में उन्होंने एक भी गेंद नहीं खेली थी, लेकिन फाइनल मुकाबले में पाकिस्तान के खिलाफ उन्होंने पहली और आखिरी गेंद पर भारत को जीत दिलाई। 

मैच का रोमांच चरम पर था। भारत को खिताब जीतने के लिए कुछ ही रन चाहिए था और गेंदबाज थे पाकिस्तान के तेजतर्रार हारिस रऊफ। हर कोई सोच रहा था कि अब स्ट्राइक पर अनुभवी बल्लेबाज़ आएंगे और टीम को जीत दिलाएंगे। मगर तभी क्रीज़ पर थे रिंकू सिंह, जो अब तक पूरे टूर्नामेंट में केवल फील्डिंग ही कर पाए थे।

रऊफ की चौथी गेंद का सामना करने के लिए जब रिंकू तैयार हुए, स्टेडियम में सन्नाटा सा छा गया। सबकी धड़कनें थम सी गईं। गेंद जैसे ही फेंकी गई, रिंकू ने आत्मविश्वास से भरा शॉट खेला और मिडऑन की ओर चौका जड़ दिया। इसी चौके के साथ भारत ने एशिया कप का खिताब जीत लिया और रिंकू सिंह रातों-रात हीरो बन गया।

खेल की दुनिया में अक्सर लंबी पारियों और बड़े शतकों की चर्चा होती है। लेकिन रिंकू सिंह ने यह साबित कर दिया है कि कभी-कभी एक गेंद ही खिलाड़ी को अमर बना देता है। उनका यह शॉट केवल एक चौका नहीं था, बल्कि यह भारतीय क्रिकेट प्रेमियों के लिए एक अविस्मरणीय क्षण बन गया।

रिंकू सिंह का यह चौका दर्शाता है कि बड़े मैचों में दबाव से निपटना ही असली परीक्षा होता है। उनके चेहरे पर किसी तरह की घबराहट नहीं थी, बल्कि आत्मविश्वास और टीम को जीत दिलाने का जज्बा साफ झलक रहा था।

मैच खत्म होते ही भारतीय ड्रेसिंग रूम खुशी से झूम उठा। कप्तान और कोच ने रिंकू सिंह को गले लगाकर बधाई दी। साथी खिलाड़ियों ने उन्हें कंधों पर उठाकर मैदान का चक्कर लगाया। दूसरी ओर दर्शक भी रिंकू के नाम के नारे लगाने लगे। सोशल मीडिया पर उनके चौके का वीडियो पल भर में वायरल हो गया और लोग उन्हें "वन बॉल हीरो" कहने लगे।



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