दिल्ली में यमुना का जलस्तर बढ़ा, बाढ़ का खतरा गहराया

Jitendra Kumar Sinha
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दिल्ली-एनसीआर इस समय भारी बारिश और यमुना नदी के उफान से बाढ़ जैसी स्थिति का सामना कर रहा है। लगातार हो रही बारिश और हरियाणा के हाथिनीकुंड बैराज से छोड़े गए लाखों क्यूसेक पानी के कारण यमुना का जलस्तर तेजी से बढ़ा और खतरे के निशान से ऊपर चला गया। पुराने लोहे के पुल पर पानी का स्तर 205 मीटर से भी ऊपर पहुँच गया और प्रशासन ने इसे अगले आदेश तक बंद कर दिया। स्थिति की गंभीरता देखते हुए नोएडा और गाजियाबाद में कक्षा 12 तक के स्कूल बंद कर दिए गए, जबकि दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने लोगों को वैकल्पिक मार्गों का इस्तेमाल करने की सलाह दी और रिंग रोड, गीता कॉलोनी, शांति वन चौक और अन्य इलाकों के लिए नए रूट बताए। कई स्थानों पर जलभराव से सड़कों पर जाम की स्थिति रही और लोगों को घंटों तक परेशानी झेलनी पड़ी। इस बीच यमुना बाजार और तटीय इलाकों में पानी घरों तक घुस गया और हज़ारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया। प्रशासन ने अब तक दस हजार से अधिक लोगों को राहत शिविरों में पहुँचाया है और कई इलाकों में नावों की मदद से लोगों को बाहर निकाला जा रहा है। 


सरकार ने राहत और बचाव के लिए सैकड़ों नावें, हज़ारों रेत के बैग, लाइफ जैकेट और पंपिंग मशीनें तैनात की हैं ताकि पानी का बहाव नियंत्रित किया जा सके और प्रभावित लोगों की मदद की जा सके। मुख्यमंत्री ने हालात की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को लगातार निगरानी रखने के निर्देश दिए हैं और स्थानीय प्रशासन ने 24×7 कंट्रोल रूम सक्रिय कर दिया है। कई नालों की सफाई की जा रही है और अतिरिक्त पंपिंग स्टेशनों को चालू किया गया है ताकि जलभराव से राहत दी जा सके। दूसरी ओर मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में और बारिश की चेतावनी दी है, विशेषकर गुरुग्राम और आसपास के क्षेत्रों में भारी वर्षा की संभावना जताई गई है और इसके लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। यमुना का जलस्तर आने वाले घंटों में और बढ़ने का अनुमान है जिससे बाढ़ की स्थिति और गंभीर हो सकती है। इस वजह से प्रशासन पूरी सतर्कता बरत रहा है और लोगों से अपील की गई है कि वे प्रभावित क्षेत्रों से दूर रहें, केवल सुरक्षित मार्गों का उपयोग करें और अनावश्यक यात्रा से बचें। 


यह स्थिति दिल्लीवासियों के लिए मुश्किलें खड़ी कर रही है, क्योंकि सड़कों पर ट्रैफिक जाम, घरों में घुसा पानी, बिजली कटौती और जनजीवन अस्त-व्यस्त होने जैसी समस्याएँ एक साथ सामने आ रही हैं। इतिहास गवाह है कि 1978 जैसी भयंकर बाढ़ों ने भी राजधानी को कई दिनों तक थाम कर रखा था, और मौजूदा हालात लोगों को वही पुराना डर याद दिला रहे हैं। हालांकि इस बार प्रशासन की तैयारी अधिक मजबूत दिखाई दे रही है, लेकिन अगर बारिश का सिलसिला और तेज हुआ तो स्थिति बेहद गंभीर हो सकती है।

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