पटना में बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई ने ग्रामीण निर्माण विभाग के वरिष्ठ अभियंता विनोद कुमार राय के ठिकानों पर छापेमारी कर भारी मात्रा में नकदी, गहने और दस्तावेज़ बरामद किए। ईओयू को शिकायत मिली थी कि राय ने अपनी सरकारी नौकरी के दौरान अकूत संपत्ति इकट्ठा की है। छापेमारी के दौरान पटना के भूतनाथ रोड स्थित उनके मकान से लगभग बावन लाख रुपये नकद मिले जिनमें करीब उनतालीस लाख रुपये के नोट जलाए या फाड़े गए हालत में थे। जांच अधिकारियों ने बताया कि जब वे छापा मारने पहुंचे तो घर के भीतर से जलते हुए नोटों की गंध आ रही थी और नालियों, टॉयलेट पाइप और पानी की टंकी से भी फेंके गए नोट बरामद हुए। कहा गया कि छापे के दौरान दरवाजा देर तक नहीं खोला गया और इसी बीच नोटों को नष्ट करने की कोशिश की गई।
ईओयू ने वहां से करीब छब्बीस लाख रुपये के गहने, जमीन के कागजात, बीमा पॉलिसियाँ, बैंक खातों से जुड़े दस्तावेज़ और एक लग्जरी कार भी जब्त की। राय के गांव समस्तीपुर के खरहिया में भी छापे मारे गए और वहां से भी जमीन और अन्य संपत्ति से जुड़े प्रमाण मिले। शुरुआती अनुमान है कि राय की कुल संपत्ति सौ करोड़ रुपये से भी ज्यादा हो सकती है। उन पर आरोप है कि ठेकेदारों से काम के बिल पास कराने के एवज में मोटी कमीशन वसूली जाती थी।
इस पूरे मामले ने बिहार की राजनीति में हलचल मचा दी है। विपक्ष ने आरोप लगाया है कि सरकार के भीतर की गुटबाज़ी और मंत्रियों के बीच के टकराव की वजह से यह मामला सामने आया है। तेजस्वी यादव ने कहा कि छापे में जो नकदी जलाई गई उसकी असल राशि कई करोड़ हो सकती है। ईओयू अब राय और उनके परिवार की संपत्ति का पूरा हिसाब-किताब खंगाल रही है और जल्द ही आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
