21 सितंबर 2025 का सूर्य ग्रहण: भारत में नहीं दिखेगा, सूतक काल भी लागू नहीं

Jitendra Kumar Sinha
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21 सितंबर 2025 को आंशिक सूर्य ग्रहण होने जा रहा है, लेकिन यह भारत में दिखाई नहीं देगा। यह ग्रहण मुख्य रूप से दक्षिणी गोलार्ध में देखा जा सकेगा, जहां न्यूज़ीलैंड, ऑस्ट्रेलिया के कुछ हिस्से, प्रशांत द्वीप समूह और अंटार्कटिका शामिल हैं। भारतीय समयानुसार इसकी शुरुआत रात 10 बजकर 59 मिनट पर होगी और यह 22 सितंबर की सुबह 3 बजकर 23 मिनट तक चलेगा। अपने चरम पर यह 1 बजकर 11 मिनट पर होगा।


भारत में यह ग्रहण नज़र नहीं आने के कारण यहां सूतक काल की कोई मान्यता लागू नहीं होगी। सामान्यत: ग्रहण से पहले सूतक काल का पालन किया जाता है, जिसमें धार्मिक और मांगलिक कार्यों पर रोक होती है, लेकिन इस बार लोगों को इसकी चिंता नहीं करनी है।


खगोलशास्त्रियों के लिए यह ग्रहण खास मायने रखता है क्योंकि इसे आगामी वर्षों में होने वाले बड़े सूर्य ग्रहणों के लिए एक महत्वपूर्ण अध्ययन का अवसर माना जा रहा है। विशेषकर 2027 का सूर्य ग्रहण, जिसे इस सदी का सबसे बड़ा ग्रहण कहा जा रहा है, उससे पहले यह ग्रहण एक अहम पड़ाव है।


इसलिए, भारत में भले ही लोग इसे देख नहीं पाएंगे और धार्मिक दृष्टिकोण से इसकी कोई बाध्यता भी नहीं होगी, लेकिन वैज्ञानिक नजरिए से यह आंशिक सूर्य ग्रहण खगोल विज्ञान के अध्ययनों में अपनी छाप छोड़ेगा।

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