प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दिवंगत माँ को लेकर बयानबाज़ी का मुद्दा इस समय राजनीति का बड़ा केंद्र बना हुआ है। इस विवाद के बीच लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने तीखा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री सही हैं जब वे कहते हैं कि किसी की माँ या बहन को गाली देने का हक किसी को नहीं है। मगर इसी बात को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने यह भी जोड़ दिया कि यह नियम प्रधानमंत्री पर भी लागू होना चाहिए, क्योंकि उन्होंने भी अतीत में सोनिया गांधी और कांग्रेस की महिलाओं के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, जिसके लिए कभी माफी नहीं मांगी गई।
रोहिणी आचार्य ने कहा कि राजनीति में मतभेद अपनी जगह हैं, लेकिन व्यक्तिगत हमले और परिवार की महिलाओं को लेकर अभद्र भाषा का इस्तेमाल किसी भी हालत में स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने याद दिलाया कि प्रधानमंत्री ने बिहार की जनता और यहाँ तक कि बिहार के डीएनए को भी चुनावी मंच से गाली दी थी, जिसे लोग कभी नहीं भूल सकते।
इस पूरे घटनाक्रम में एक बात साफ दिखाई देती है—राजनीति में जब भी परिवार और निजी रिश्तों पर टिप्पणी की जाती है तो माहौल गरम हो जाता है। विरोधियों पर हमला करना परंपरा है, लेकिन जब वार व्यक्तिगत हो जाए तो जवाबी प्रतिक्रियाएँ भी उतनी ही तीखी आती हैं। रोहिणी आचार्य का बयान भी उसी का हिस्सा है।
असल में यह पूरा विवाद राजनीति की उस कड़वी सच्चाई को सामने लाता है जहाँ एक तरफ नेता नैतिकता और आदर्श की बातें करते हैं और दूसरी तरफ मौका आने पर एक-दूसरे पर व्यक्तिगत कटाक्ष से भी पीछे नहीं हटते। यही वजह है कि आज यह बहस केवल एक बयान तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे राजनीतिक माहौल को गरमा चुकी है।
