आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) ने पिछले कुछ वर्षों में तकनीकी दुनिया में क्रांतिकारी परिवर्तन लाए हैं। इसके प्रभाव अब केवल तकनीकी क्षेत्रों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि यह हर क्षेत्र में गहरे बदलाव ला रहा है। ओपनएआइ के सीईओ सैम ऑल्टमैन और वालमार्ट के सीईओ डग मैक्मिलन जैसे प्रमुख उद्योग नेता इस बात की ओर इशारा कर रहे हैं कि AI के कारण आने वाले वर्षों में नौकरियों का परिदृश्य पूरी तरह से बदल सकता है।
सैम ऑल्टमैन का मानना है कि AI 2030 तक लगभग 30 से 40 प्रतिशत कार्यों को स्वचालित कर सकता है। उनका कहना है कि यह बदलाव पहले कई दशकों में होते थे, लेकिन अब यह तेजी से हो रहा है। विशेष रूप से डेटा एंट्री, कस्टमर सर्विस, और सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट जैसे क्षेत्रों में AI का प्रभाव स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। वालमार्ट के सीईओ डग मैक्मिलन ने भी इस बात की पुष्टि की है कि AI वर्कफोर्स के हर क्षेत्र को प्रभावित करेगा। उन्होंने कहा, "यह बिल्कुल साफ है कि AI सचमुच हर नौकरी को प्रभावित करेगी।" AI के कारण कुछ नौकरियां पूरी तरह से समाप्त हो सकती हैं, जबकि कुछ में बदलाव आएगा। उदाहरण के लिए डेटा एंट्री और कस्टमर सर्विस के क्षेत्र में AI द्वारा स्वचालित हो सकता है, जिससे इन नौकरियों में कमी आ सकता है। AI के द्वारा कोडिंग और सॉफ़्टवेयर निर्माण में मदद मिल सकता है, जिससे डेवलपर्स की भूमिका में बदलाव आ सकता है। निर्माण और देखभाल सेवाएं के क्षेत्रों में AI का प्रभाव कम होगा, क्योंकि यह कार्य मानव कौशल और देखभाल की आवश्यकता रखता है।
संयुक्त राष्ट्र की "Gender Snapshot 2025" रिपोर्ट के अनुसार, AI महिलाओं की नौकरियों के लिए पुरुषों की तुलना में अधिक खतरे का कारण बन सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक स्तर पर महिलाओं की 28% नौकरियां AI के कारण प्रभावित हो सकता है, जबकि पुरुषों की 21% नौकरियां प्रभावित हो सकता है।
AI के प्रभाव से निपटने के लिए कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाया जा सकता हैं। स्किल्स-आधारित शिक्षा के लिए वालमार्ट ने अपने कर्मचारियों को AI में प्रशिक्षित करने के लिए OpenAI के साथ साझेदारी की है। कर्मचारियों को निरंतर शिक्षा और कौशल विकास की आवश्यकता होगी ताकि वे बदलते परिदृश्य में प्रतिस्पर्धी बने रहें। AI के बावजूद, मानव कौशल की आवश्यकता वाली भूमिकाएं जैसे कि रचनात्मकता, नेतृत्व, और भावनात्मक बुद्धिमत्ता की मांग बनी रहेगी।
भारत में भी AI का प्रभाव तेजी से बढ़ रहा है। विशेष रूप से IT, शिक्षा, और स्वास्थ्य क्षेत्रों में AI का उपयोग बढ़ रहा है। हालांकि, भारत में AI के कारण नौकरियों में बदलाव की गति पश्चिमी देशों की तुलना में थोड़ी धीमी हो सकती है, लेकिन यह बदलाव अनिवार्य है। भारतीय कर्मचारियों को भी AI के साथ तालमेल बैठाने के लिए कौशल विकास की आवश्यकता होगी।
AI का उदय एक अनिवार्य परिवर्तन है जो हमारे कार्य करने के तरीके को बदल रहा है। हालांकि कुछ नौकरियां समाप्त हो सकती हैं, वहीं नई भूमिकाएं और अवसर भी उत्पन्न हो रहे हैं। इस बदलाव से निपटने के लिए निरंतर शिक्षा, कौशल विकास, और मानव-केंद्रित दृष्टिकोण की आवश्यकता होगी। AI के साथ तालमेल बैठाकर एक बेहतर और अधिक उत्पादक भविष्य की ओर अग्रसर हो सकते हैं।
