पाकिस्तान ने पहली बार काबुल पर सीधी हवाई हमली की है, जिसमें TTP के सरगना नूर वली महसूद को निशाना बनाया गया। यह हमला उस समय किया गया जब तालिबान के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्ताकी भारत की यात्रा पर हैं। हमले की टाइमिंग को कई विश्लेषक पाकिस्तान की तरफ से भारत और तालिबान के बढ़ते रिश्ते को लेकर एक स्पष्ट संदेश माना जा रहा है।
मुल्ताकी की दिल्ली यात्रा के दौरान इस हमले का मकसद यह दिखाना हो सकता है कि पाकिस्तान किसी तरह से तालिबान को आने वाले किसी भी वैकल्पिक राजनीतिक संधि की अनुमति नहीं देगा। साथ ही, इसका मकसद यह जताना है कि आतंकी सरगनों को छूट नहीं मिलेगी — चाहे वे किसी भी क्षेत्र में हों।
नूर वली महसूद की पुष्टि हुई है कि वे सुरक्षित हैं, लेकिन उनके बेटे की मौत की खबर सामने आई है। रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने पहले ही बयान जारी कर रखा था कि “अब आतंकवादियों को बख्शा नहीं जाएगा।” इस बयान के 48 घंटे के भीतर यह हमला हुआ।
विश्लेषकों का मानना है कि यह हमला पाकिस्तान की नई रणनीति का हिस्सा हो सकता है — जहां वह ड्रोन तकनीक और सटीक हमला करने की क्षमता दिखाना चाहता है। यह कमतर हमले नहीं, बल्कि राजनीतिक-रणनीतिक संकेत भी हैं।
