डिजिटल पहुंच को नई दिशा देने वाला कर्नाटक का इनोवेशन - ‘केईओ’

Jitendra Kumar Sinha
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बेंगलुरु ने एक बार फिर टेक्नोलॉजी की दुनिया में नई पहचान बनाई है। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने मंगलवार को ‘केईओ’ नाम से एक अत्याधुनिक पर्सनल कंप्यूटर लॉन्च किया है, जिसकी कीमत मात्र 18,999 रुपये रखी गई है। सबसे खास बात यह है कि यह डिवाइस पूरी तरह से राज्य में ही डिजाइन और विकसित किया गया है, जो ‘मेड इन कर्नाटक’ की शक्ति को दर्शाता है।

आज जब दुनिया कृत्रिम मेधा (AI) की ओर तेजी से बढ़ रही है, ऐसे में सस्ती और बुद्धिमान मशीनों की आवश्यकता बढ़ गई है। ‘केईओ’ इसी जरूरत को पूरा करने के लिए बनाया गया है। यह एक कॉम्पैक्ट और ऊर्जा-कुशल पर्सनल कंप्यूटर है, जिसमें एआई आधारित एप्लिकेशन चलाने की क्षमता है।

सरकार का उद्देश्य है कि डिजिटल पहुंच सिर्फ शहरों तक सीमित न रहे, बल्कि गांवों, छोटे कस्बों और सीमांत वर्गों तक फैले। ‘केईओ’ उसी दिशा में एक क्रांतिकारी कदम साबित हो सकता है, एक ऐसा उपकरण जो कम कीमत पर उन्नत तकनीक का लाभ उपलब्ध कराता है।

इस कंप्यूटर का नाम तीन मूलभूत सिद्धांतों पर आधारित है K - Knowledge Driven (ज्ञान-आधारित), E - Economical (किफायती) और O - Open Source (मुक्त स्रोत)। यानि यह मशीन सीखने, सुलभता और खुले सॉफ्टवेयर की विचारधारा को बढ़ावा देती है। सरकार का मानना है कि खुला सॉफ्टवेयर न सिर्फ लागत कम करता है, बल्कि युवाओं को सीखने और नवाचार करने के अधिक अवसर प्रदान करता है।

कर्नाटक में इस पीसी को डिजाइन और विकसित किया जाना राज्य की टेक इंडस्ट्री के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। इससे न केवल रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे, बल्कि यह आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य में भी योगदान देगा। तकनीकी विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसा प्रयास अन्य राज्यों के लिए भी प्रेरणा बन सकता है।

‘केईओ’ का सबसे बड़ा लाभ शिक्षा क्षेत्र को मिलेगा। कम कीमत होने के कारण स्कूल, कॉलेज और प्रशिक्षण संस्थान इसे आसानी से खरीद सकेंगे। स्टार्टअप्स और छोटे व्यवसायों के लिए भी यह एक उपयोगी विकल्प हो सकता है, क्योंकि यह आधुनिक एआई सॉफ्टवेयर चलाने की क्षमता रखता है।

ग्राम पंचायत, डिजिटल सेवा केंद्र और ग्रामीण उद्यमी, इस कंप्यूटर का उपयोग ई-गवर्नेंस और ऑनलाइन सेवाओं में कर पाएंगे।

‘केईओ’ सिर्फ एक कंप्यूटर नहीं, बल्कि डिजिटल अंतर को कम करने वाला एक मजबूत प्रयास है। इसकी किफायती कीमत और एआई क्षमता इसे आम लोगों के लिए उपयोगी बनाती है। कर्नाटक सरकार का यह कदम दिखाता है कि यदि दिशा स्पष्ट हो, तो तकनीक को सबकी पहुंच में लाया जा सकता है। यह पहल न सिर्फ राज्य, बल्कि पूरे देश में सुलभ डिजिटल क्रांति की शुरुआत कर सकती है।



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