जापान ने बनाया सौर-ऊर्जा संचालित हीटेड बेंच

Jitendra Kumar Sinha
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जापान ने दुनिया को दिखाया है कि तकनीक सिर्फ चमकदार शहरों और अमीरों की कहानी नहीं है, बल्कि झोपड़ी की दीवारों से बाहर, खुले आसमान में सोने वाले लोगों की सुरक्षा का साधन भी बन सकती है। इसलिए वहां बनाई गई हैं खास “बेंच”, जो सूरज की रोशनी सोख कर रात में गर्मी देती हैं। इन्हें देखकर लगता है जैसे कोई धूप का दूतादूत रात में चुपके से आकर शरीर को ताप दे रहा हो और कह रहा हो, "तुम अकेले नहीं हो।" 

जापान तकनीक का देश माना जाता है, लेकिन वहाँ की तकनीक अक्सर इंसानियत के साथ बुनी हुई दिखाई देती है। रोबोट जो बुजुर्गों की सेवा करते हैं, सड़कों पर संगीत बजाती लाइटें, भूकंप चेतावनी प्रणालियाँ और अब यह हीटेड बेंच। यह बताता है कि उन्नति सिर्फ उड़न कारों और AI तक सीमित नहीं है, बल्कि उन चीजों में भी है जो किसी कमजोर की जान बचा सकें।

बेघरों के लिए बनाई गई यह बेंच इसी सोच से निकली हैं। दिन में सौर पैनल सूरज की रोशनी को ऊर्जा में बदलती हैं और सूर्यास्त के बाद वही ऊर्जा बेंच को गर्म रखती है। टोक्यो के पार्क, रेलवे स्टेशन, और सार्वजनिक स्थलों पर यह बेंच, जो दिन की रोशनी रात की गर्मी में बदलती हैं।

दुनिया में करोड़ों लोग बेघर हैं। जीवन की दौड़ में कई पीछे छूट जाते हैं। कोई नौकरी खो देता है, कोई परिवार, कोई मानसिक स्वास्थ्य से जूझता है, कोई भाग्य से हारता है। और फिर आती हैं ऋतुएँ, जो अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग रूपों में बल्कि सख्त सितम ढाती हैं।

जापान में सर्दी किसी बर्फीली कहानी जैसी नहीं है। यह सचमुच जिन्दगी का इम्तहान है। तापमान कई बार शून्य के नीचे चला जाता है। ऐसे समय में बिना छत वाले लोग किस हाल में होते होंगे, इसकी कल्पना करने से मन कांप उठता है।

कई लोग ठंड से मर जाते हैं। रात में शरीर धीरे-धीरे सुन्न होता है, नींद आ जाती है और फिर शरीर कभी नहीं जागता रहता है। यह मौत का वह तरीका है जो शांत दिखता है लेकिन भीतर बहुत क्रूर होता है। ऐसी मौतों को रोकने के लिए यह पहल एक ढाल बनकर आई है। यह बेंच बेघर लोगों को सिर्फ गर्मी नहीं देती, बल्कि उनकी आशा वापस करती है।

जापान की बेंच, इस प्राकृतिक खजाने की सबसे सुंदर मिसाल हैं। इन बेंचों में लगे सोलर पैनल दिन भर रोशनी को पकड़ता हैं, बिना प्रदूषण, बिना आवाज, बिना किसी इंधन के यह सिस्टम टिकाऊ भी है।

तकनीकी पहलू सरल है लेकिन प्रभाव गहरा है। बेंच के ऊपर या किनारों पर सोलर पैनल लगे होते हैं। दिन में ऊर्जा बैटरी में जमा होती है। रात में बेंच में लगी हीटिंग सिस्टम सक्रिय हो जाती है और बैठने वाले के शरीर को सुरक्षित गर्मी मिलती है। कुछ बेंचों में USB चार्जिंग पोर्ट भी दिए गए हैं ताकि जरूरत पड़ने पर कोई फोन भी चार्ज कर सके। 



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