प्रकृति की अद्भुत कारीगरी का अनोखा है - “वुलिपो के असाधारण पर्वत”

Jitendra Kumar Sinha
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चीन के दक्षिण-पश्चिमी क्षेत्र में स्थित वुलिपो राष्ट्रीय प्राकृतिक अभयारण्य प्रकृति की कारीगरी का ऐसा अनूठा नमूना है, जिसे देखकर हर पर्यटक मंत्रमुग्ध हो जाता है। चोंगछिंग नगरपालिका के वुशान काउंटी में फैला यह अभयारण्य लगभग 35,000 हेक्टेयर के विशाल क्षेत्र में फैला है और अपनी अद्भुत, नुकीली तथा शलाका जैसी पर्वतीय संरचनाओं के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध है। वुलिपो का यह असाधारण भू-दृश्य न केवल देखने में अलौकिक प्रतीत होता है, बल्कि पृथ्वी के भू-वैज्ञानिक इतिहास को समझने के लिए भी महत्वपूर्ण है।

वुलिपो के पर्वत अपनी असामान्य आकृतियों के कारण शोधकर्ताओं के लिए वर्षों से कौतूहल का विषय बना हुआ है। यहाँ की विशाल, पतली, धारदार और ऊँची चट्टानें दूर से टूटे हुए क्रिस्टल, बर्फ की तलवारें, या विशाल पत्थर की शलाका जैसी दिखाई देता है। माना जाता है कि यह संरचनाएँ लाखों वर्षों तक चली प्राकृतिक प्रक्रियाओं कटाव, हवाओं, वर्षाओं, भूकंपीय गतिविधियों और रासायनिक अपक्षय के परिणामस्वरूप बनी हैं। इसकी विशेषता यह है कि इसमें क्षरण एक समान तरीके से हुआ है, जिससे चट्टानें बेहद नुकीली और खड़ी बन गईं। कई पर्वत इतने संकरे हैं कि शिखर पर खड़ा होना भी संभव नहीं है।

वुलिपो अभयारण्य की सीमाएँ हुबेई प्रांत के बाडोंग काउंटी और प्रसिद्ध शेननोंगजिया वन क्षेत्र से मिलती हैं। यह पूरा क्षेत्र मिलकर एक विशाल प्राकृतिक गलियारा बनाता है, जहाँ मौसम और स्थलाकृतिक विविधता के कारण अनगिनत दुर्लभ प्रजातियाँ पनपती हैं। यहाँ मिलने वाली वनस्पतियों में कई औषधीय पौधे भी शामिल हैं, जो पारंपरिक चीनी उपचार पद्धति में उपयोग किए जाते हैं। इसके अतिरिक्त, लाल पांडा, स्वर्ण लंगूर, दुर्लभ पर्वतीय पक्षी और कई अनूठी तितली प्रजातियाँ भी इस क्षेत्र में पाई जाती हैं।

वुलिपो की पर्वत संरचनाएँ वैज्ञानिकों के लिए पृथ्वी के प्राचीन भू-वैज्ञानिक इतिहास का खुला संग्रहालय हैं। इन शलाका पर्वतों में छिपी चट्टानें बताती हैं कि यह क्षेत्र कभी समुद्र तल था, जहाँ तलछट चट्टानें जमीं हैं। समय बीतने के साथ जब टेक्टोनिक प्लेटें टकराईं, तो यह भू-भाग उभर कर पहाड़ बन गया। बाद में प्राकृतिक कटाव ने इसे अपने वर्तमान अद्भुत रूप में ढाल दिया।

वुलिपो आज रोमांच, प्रकृति और फोटोग्राफी प्रेमियों के लिए एक अद्भुत गंतव्य बन चुका है। यहाँ के घने जंगल, गहरी घाटियाँ और आसमान चूमती शलाका पर्वत एक रहस्यमयी वातावरण बनाता है, मानो किसी प्राचीन जादुई दुनिया में प्रवेश कर लिया हो। सूर्योदय और सूर्यास्त के समय इन चट्टानों का रंग बदलता हुआ दिखाई देता है कभी सुनहरा, कभी रक्त-लाल और कभी धुंध में लिपटा नीलाभ।

वुलिपो राष्ट्रीय प्राकृतिक अभयारण्य प्रकृति की उस अनुपम कलाकारी का जीवंत उदाहरण है जिसे देखकर मानव सिर्फ विस्मित हो सकता है। इसकी शलाका जैसी ऊँची पर्वत श्रृंखलाएँ, जैव विविधता और रहस्यमयी भू-आकृतियाँ इसे पृथ्वी के सबसे अद्भुत प्राकृतिक चमत्कारों में शामिल करती हैं।



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