बिहार की राजनीति में एक बार फिर लालू प्रसाद यादव विवादों में आ गए हैं। इस बार मामला उनके परिवार द्वारा मनाए गए विदेशी त्योहार हैलोवीन का है। सोशल मीडिया पर लालू यादव और उनके पोते-पोतियों की कुछ तस्वीरें वायरल हुईं, जिनमें सभी ने हैलोवीन की पारंपरिक डरावनी वेशभूषा पहनी हुई थी और घर को उसी थीम में सजाया गया था।
इन तस्वीरों के सामने आते ही बीजेपी नेताओं ने लालू यादव पर तीखा हमला बोला। उनका कहना था कि वही लालू यादव जिन्होंने हाल ही में “महाकुंभ” जैसे सनातन पर्व को “बेकार और फालतू” बताया था, अब विदेशी संस्कृति का उत्सव मनाने में व्यस्त हैं। भाजपा ने इसे भारतीय परंपरा और आस्था का अपमान बताया।
बीजेपी प्रवक्ताओं ने यह भी कहा कि लालू यादव और उनका परिवार जनता को संस्कारों की सीख देते हैं, लेकिन खुद पश्चिमी त्योहारों का प्रचार करते हैं। सोशल मीडिया पर पार्टी समर्थकों ने लिखा कि जब लालू यादव महाकुंभ को ‘निरर्थक’ बता रहे थे, तब यह स्पष्ट हो गया था कि उन्हें भारतीय संस्कृति की समझ नहीं है।
इधर राजद समर्थकों ने इसका बचाव करते हुए कहा कि यह परिवार का निजी मामला है, इसमें राजनीति नहीं घुसानी चाहिए। उनके अनुसार, हैलोवीन बच्चों का त्योहार है और इसे सिर्फ मनोरंजन के तौर पर मनाया गया।
घटना का समय भी अहम है — क्योंकि बिहार में विधानसभा चुनाव का माहौल गर्म है। ऐसे में लालू यादव की हर गतिविधि पर विपक्ष की नज़र है। बीजेपी इस मुद्दे को “संस्कृति बनाम पाखंड” के रूप में पेश कर रही है, जबकि राजद इसे “फर्ज़ी नैरेटिव” बता रही है।
इस विवाद ने चुनावी रफ्तार के बीच माहौल को और तीखा बना दिया है। यह मामला सिर्फ एक तस्वीर का नहीं, बल्कि बिहार की राजनीतिक संस्कृति में बढ़ती ध्रुवीकरण की कहानी कहता है — जहाँ हर gesture, हर त्योहार, अब सियासी प्रतीक बन चुका है।
