सूर्यकांत को सोमवार, 24 नवंबर 2025 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मुख्य न्यायाधीश पद की शपथ दिलाई। इस अवसर पर उपराष्ट्रपति सी. पी. राधाकृष्णन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला तथा भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित पूर्व राष्ट्रपति और अन्य गणमान्य व्यक्तियों की मौजूदगी रही।
उनसे पहले बी. आर. गवई ने मुख्य न्यायाधीश का पद संभाला था, जिनका कार्यकाल 23 नवंबर 2025 को समाप्त हुआ। गवई के बाद सूर्यकांत का कार्यकाल लगभग डेढ़ वर्ष का होगा, क्योंकि उन्हें 9 फरवरी 2027 को सेवानिवृत्त होना है।
सूर्यकांत का जन्म 10 फरवरी 1962 को हरियाणा के हिसार में हुआ था। उन्होंने सरकारी स्कूल से शिक्षा प्राप्त की, फिर 1981 में हिसार के सरकारी स्नातक महाविद्यालय से स्नातक की उपाधि ली। इसके बाद 1984 में रोहतक के महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय से लॉ में स्नातक की डिग्री ली और उसी वर्ष हिसार में प्रैक्टिस शुरू की। 1985 में उन्होंने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में प्रैक्टिस करना शुरू किया।
उन्होंने 2000 में हरियाणा के सबसे युवा अधिवक्ता जनरल के रूप में काम किया। 2011 में उन्होंने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से लॉ में मास्टर्स की डिग्री डिस्टिंक्शन के साथ (‘फर्स्ट क्लास फर्स्ट’) ली। 2018 में उन्हें हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया, और 2019 में उन्हें सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में अपॉइंट किया गया।
