दिल्ली विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने शानदार जीत हासिल की है, और अब सियासी गलियारों में चर्चा तेज हो गई है कि पार्टी अगला मुख्यमंत्री पद किसी महिला को दे सकती है। दिल्ली में भाजपा के 27 साल के वनवास के बाद इस जीत ने पार्टी के भीतर मुख्यमंत्री के चयन को लेकर मंथन शुरू कर दिया है। 2025 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 70 सीटों में से 48 पर जीत दर्ज की, जबकि आम आदमी पार्टी (AAP) केवल 22 सीटों तक ही सिमट गई। इसके बाद कांग्रेस फिर से अपनी खोई हुई सीटों का खाता भी नहीं खोल पाई।
अब सवाल यह उठता है कि भाजपा किस महिला विधायक को मुख्यमंत्री बनाएगी, क्योंकि इस बार पार्टी ने 4 महिला उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में उतारा था, जिन्होंने अपनी जीत से पार्टी की उम्मीदों को पूरा किया। राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि इन्हीं 4 में से कोई एक महिला विधायक बीजेपी का चेहरा बन सकती हैं।
बीजेपी की चार महिला उम्मीदवारों के नाम:
- रेखा गुप्ता - शालीमाबाद से चुनाव लड़ने वाली रेखा गुप्ता ने अपनी जीत से सबको चौंका दिया। उन्होंने आप की उम्मीदवार बंदना कुमारी को 29,595 वोटों से हराया और बीजेपी की उम्मीदों पर खरा उतरीं।
- शिखा रॉय - ग्रेटर कैलाश से शिखा रॉय ने चौंकाने वाली जीत दर्ज की। उन्होंने आप के वरिष्ठ नेता सौरभ भारद्वाज को हराया और 49,594 वोट हासिल किए। यह जीत बीजेपी के लिए बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
- पूनम शर्मा - वजीरपुर सीट से चुनाव जीतने वाली पूनम शर्मा ने आप के राजेश गुप्ता को हराया। उन्होंने 54,721 वोट प्राप्त किए और 11,425 वोटों से जीत हासिल की।
- नीलम पहलवान - नजफगढ़ सीट से बीजेपी की नीलम पहलवान ने शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने 1,01,708 वोटों से आप के तरुण कुमार को हराया, जो कि एक बड़ी जीत मानी जा रही है।
दिल्ली में महिला सीएम का इतिहास:
दिल्ली में अब तक तीन महिला मुख्यमंत्री रह चुकी हैं। इसमें सुषमा स्वराज (BJP), शीला दीक्षित (Congress), और आतिशी (AAP) का नाम शामिल है। सुषमा स्वराज ने 1998 में दिल्ली की मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया था, जबकि शीला दीक्षित ने 1998 से 2013 तक दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया। हाल ही में, आम आदमी पार्टी की आतिशी ने 21 सितंबर 2024 से 9 फरवरी 2025 तक मुख्यमंत्री का पद संभाला था।
बीजेपी नेताओं का बयान:
बीजेपी नेताओं का एक वर्ग इस बात पर जोर दे रहा है कि मुख्यमंत्री का चयन पार्टी के नवनिर्वाचित विधायकों में से ही किया जाना चाहिए। उत्तर-पश्चिमी दिल्ली से बीजेपी सांसद योगेंद्र चंदोलिया ने कहा कि नए मुख्यमंत्री का चयन उन विधायकों में से होना चाहिए जो पार्टी के लिए अपनी प्रतिबद्धता और कार्यक्षमता साबित कर चुके हैं। पार्टी के वरिष्ठ नेता भी इस विचार से सहमत हैं और मानते हैं कि इस प्रक्रिया से पार्टी को मिला जनादेश सम्मानित होगा।
शपथग्रहण समारोह:
नई दिल्ली सरकार के गठन की प्रक्रिया जल्द शुरू होगी, लेकिन शपथग्रहण समारोह 14 फरवरी के बाद होने की संभावना जताई जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश यात्रा के कारण शपथग्रहण में थोड़ी देरी हो सकती है। प्रधानमंत्री मोदी फ्रांस और यूएस के दौरे पर 10 फरवरी से हैं और उनके वापस लौटने के बाद ही नई सरकार का गठन प्रक्रिया शुरू हो सकती है।
दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा की ऐतिहासिक जीत ने कई संभावनाओं को जन्म दिया है। बीजेपी महिला नेतृत्व को आगे बढ़ाने के लिए किसी महिला विधायक को मुख्यमंत्री बनाने पर विचार कर रही है। इस बदलाव से दिल्ली की राजनीति में नई दिशा मिल सकती है, और यह भाजपा के लिए महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है। अब देखना होगा कि पार्टी किस पर अपना दांव खेलती है और किसके सिर पर मुख्यमंत्री का सेहरा सजता है।