इतिहास का कटु सत्य: 800 वर्षों की गुलामी और अल्पसंख्यक होने का झूठ

Jitendra Kumar Sinha
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भारत का इतिहास केवल स्वर्णिम अध्यायों से भरा हुआ नहीं है, बल्कि यह संघर्ष, आक्रमण, लूटपाट और षड्यंत्रों का भी एक लंबा सिलसिला रहा है। आज हमें यह बताया जाता है कि कुछ समुदाय "अल्पसंख्यक" हैं, उन्हें विशेषाधिकार मिलने चाहिए, उनकी सुरक्षा की चिंता सबसे अधिक जरूरी है। लेकिन क्या यह तर्कसंगत है? क्या यह ऐतिहासिक तथ्यों के अनुरूप है?


जब कोई समुदाय लगभग 800 वर्षों तक इस देश पर शासन कर चुका हो, जब उसने हजारों मंदिरों को नष्ट कर दिया हो, जबरन धर्मांतरण करवाए हों, जज़िया कर लगाया हो, हिंदू शासकों को मौत के घाट उतार दिया हो, तो वह आज खुद को "अल्पसंख्यक" कहने की हिम्मत कैसे कर सकता है? यह इतिहास की सबसे बड़ी धूर्तता नहीं तो और क्या है?


भारत पर विदेशी आक्रमण और मुस्लिम शासन की शुरुआत

1192 ई. में तराइन का युद्ध हुआ, जिसमें महमूद गौरी ने पृथ्वीराज चौहान को धोखे से हराकर भारत पर इस्लामी शासन की नींव रखी। इसके बाद भारत एक के बाद एक मुस्लिम आक्रमणकारियों के पंजों में फँसता चला गया।


मुस्लिम शासकों द्वारा भारत में किए गए अत्याचार

1. धर्मांतरण और जज़िया कर

  • जबरन धर्मांतरण मुगलों और दिल्ली सल्तनत के शासकों की नीति रही है।
  • औरंगज़ेब ने हिंदुओं पर जज़िया कर लगाया, जिससे वे अपनी ही भूमि पर दोयम दर्जे के नागरिक बन जाएँ।
  • कश्मीरी पंडितों को इस्लाम अपनाने पर मजबूर किया गया। जब उन्होंने इनकार किया, तो गुरु तेग बहादुर जी ने उनके लिए अपना शीश बलिदान कर दिया।

2. हिंदू संस्कृति और मंदिरों का विध्वंस

  • महमूद गजनवी ने सोमनाथ मंदिर को 17 बार लूटा और नष्ट किया
  • काशी, मथुरा, अयोध्या के मंदिरों को तोड़कर मस्जिदें बना दी गईं।
  • दक्षिण भारत तक मुस्लिम आक्रमणकारी अपना आतंक फैलाने में कामयाब रहे, लेकिन वीर शिवाजी महाराज जैसे योद्धाओं ने उन्हें मुँहतोड़ जवाब दिया।

3. बलात्कार, हत्या और नरसंहार

  • चंगेज़ खान और तैमूर लंग जैसे आक्रमणकारियों ने भारत में घुसकर लाखों लोगों का नरसंहार किया।
  • दिल्ली में तैमूर लंग ने 1 लाख हिंदुओं को एक ही दिन में मौत के घाट उतार दिया
  • औरंगज़ेब ने अपने ही भाइयों की हत्या कर दी और अपने पिता शाहजहाँ को जेल में डाल दिया

4. वीर हिंदू राजाओं को मिटाने का षड्यंत्र

  • पृथ्वीराज चौहान को हराकर अंधा कर दिया गया और बाद में उसकी हत्या कर दी गई।
  • महाराणा प्रताप ने अकबर की गुलामी स्वीकार नहीं की, लेकिन उन्हें इतिहास में कमज़ोर दिखाने की साजिश रची गई।
  • छत्रपति शिवाजी महाराज को क्रूर मुगलों से स्वतंत्र हिंदू साम्राज्य स्थापित करने के लिए संघर्ष करना पड़ा।


अब बताइए, अल्पसंख्यक कौन?

जो लोग भारत पर 800 वर्षों तक शासन कर चुके हैं, जो अपने शासनकाल में दूसरों को दोयम दर्जे का नागरिक बनाकर रखते थे, वे आज "अल्पसंख्यक" कैसे हो सकते हैं?
यह एक गहरी साजिश है, जो भारत को कमजोर करने के लिए रची गई।

ब्रिटिश शासन: एक और गुलामी

  • 1757 के बाद ब्रिटिशों ने भारत पर कब्ज़ा जमाना शुरू किया।
  • उन्होंने फूट डालो और राज करो की नीति अपनाई।
  • भारत को संपत्ति, संसाधन और श्रम का गुलाम बना दिया गया
  • अंग्रेजों ने भारत के शासकों को आपस में लड़ाकर कमजोर किया और 1857 की क्रांति के बाद उन्होंने पूरी सत्ता हथिया ली।

1947 में आजादी मिली, लेकिन क्या हम सच में स्वतंत्र हुए?

1947 में हमने अंग्रेजों से आजादी जरूर पाई, लेकिन क्या हम मानसिक रूप से स्वतंत्र हुए?

  • हमें गलत इतिहास पढ़ाया गया।
  • हमारे वीर योद्धाओं के बलिदान को छोटा दिखाया गया।
  • हमारे असली दुश्मनों को "अल्पसंख्यक" बताकर उनके विशेषाधिकार तय किए गए।

आज भी भारत की राजनीति में ऐसी ताकतें सक्रिय हैं, जो हमें हमारी असली विरासत से दूर कर रही हैं। हमें यह बताया जाता है कि हम सहिष्णु रहें, हम "सेक्युलर" बनें, लेकिन कभी किसी ने यह नहीं पूछा कि जो 800 साल तक शासक रहे, वे आज खुद को पीड़ित के रूप में क्यों दिखाते हैं?


अब समय आ गया है, सत्य को पहचानें!

अपने वास्तविक इतिहास को जानें।
मुगलों और आक्रमणकारियों को महिमामंडित करने वालों को जवाब दें।
अपने गौरवशाली हिंदू राजाओं के बलिदान को याद करें।
इस सच को फैलाएँ, ताकि आने वाली पीढ़ी को झूठे इतिहास का शिकार न बनाया जा सके।

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