महाशिवरात्रि फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाता है। इस वर्ष महाशिवरात्रि व्रत 26 फरवरी 2025 को मनाया जा रहा है। 26 फरवरी को चतुर्दशी प्रातः 11 बजकर 8 मिनट से शुरू होकर 27 फरवरी को प्रातः 8 बजकर 54 मिनट तक रहेगा। महाशिवरात्रि में भगवान शिव की पूजा चार पहर में करने से पूजा करने का विशेष फल मिलता है। प्रथम पहर संध्या 6 बजकर 19 मिनट से रात्रि 9 बजकर 26 मिनट तक, द्वितीय पहर
9 बजकर 26 मिनट से मध्य रात्रि 12 बजकर 34 मिनट तक, तृतीय पहर 12 बजकर 34 मिनट से प्रात: से 3 बजकर 41 मिनट तक तथा चतुर्थ पहर
3 बजकर 41 मिनट से प्रात: 6 बजकर 48 मिनट तक है।
महाशिवरात्रि पर्व पर चन्द्र और शनि कुंभ राशि में, मंगल मकर की उच्च राशि में, बुध मीन एवं सूर्य कुंभ राशि में, शुक्र ग्रह शनि की कुंभ राशि में रहेगा। गुरु ग्रह मेष राशि मे गोचर कर रहे है, ग्रहों की पुनरावृत्ति होने के साथ ही सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है।
मान्यता है कि महाशिवरात्रि में शंकर भगवान के १०८ नामों के उच्चारण करने से शंकर भगवान की कृपा मिलती है।
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