हिन्दुओं का प्रसिद्ध कटासराज महादेव मंदिर पाकिस्तान में है। कटासराज महादेव मंदिर पाकिस्तानी पंजाब के उतरी भाग में नमक कोह पर्वत श्रृंखला में है। पहाड़ी पर मंदिर का निर्माण 10वीं शताब्दी में खटाना गुर्जर राजवंश ने कराया था। कटासराज महादेव मंदिर के बगल में एक कुंड है, जिसमें लोग स्नान करते हैं।
देश विभाजन से पहले कटासराज महादेव मंदिर के दर्शन के लिए पंजाब, सिंध, बलूचिस्तान और तक्षशिला के अतिरिक्त अफगान क्षेत्र के लोग भी आते थे।
कटासराज महादेव मंदिर के संबंध में मान्यता है कि माता सती के आत्मदाह के बाद भगवान शिव ने यहां आंसू बहाए थे। इसके अतिरिक्त पांडवों ने यहां वनवास का कुछ समय बिताया था।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार जब महाराज दक्ष की पुत्री और भगवान शिव की पत्नी पार्वती ने यज्ञ में आत्मदाह किया तो भगवान शिव अथाह शोक के सागर में डूब गए और उन्होंने माता सती की याद में आंसू बहाए। कहा जाता है कि उन आंसुओं से ही यहां कुंडों का निर्माण हुआ। जिसमें एक कुंड का नाम कटाक्ष कुंड है, जो कटासराज मंदिर के बगल में है। कटासराज मंदिर पाकिस्तान में है। दूसरा कुंड भारत के राजस्थान प्रदेश के पुष्कर में है।
कटासराज शब्द की उत्पति के संबंध में कहा जाता है कि दक्ष ने अपनी पुत्री सती और भगवान शिव पर कटाक्ष किए थे। इसी कारण से इस जगह का नाम कटास पड़ा।
कटासराज में दो मंदिरों की शिल्प कला बहुत प्राचीन है। पाकिस्तान के कटासराज में ही यक्ष ने पांडवों से प्रश्न किए थे। कहा जाता है कि पांडवों ने 12 साल के वनवास में से चार साल यहां बिताए थे। उन्होंने यहां सात मंदिरों का निर्माण भी कराया था।